युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
शंभू महादेव मेरे, आराध्य सुन लीजिए ।
कष्टों को समाप्त कर, मेरा विष पीजिए ।।
करुणाकर देवता, अमृत वर्षा कीजिए ।
दिगंबर, दीनानाथ, संजीवनी दीजिए ।।
प्रचंड अग्नि भीतर , इसको शांत कीजिए ।
शुभता का जीवन में, वरदान दीजिए ।।
पार्वती के भरतार, मुक्ति हमें दीजिए।
यह प्रार्थना स्वीकार, भोलेनाथ कीजिए ।।
त्रिनेत्र धारी महेश, दृष्टी इधर कीजिए ।
नीलकंठ महादेव, अब सुन लीजिए ।।
भवसागर से नैया, पार हमारी कीजिए।
मेरा सहारा आप हो, प्रभु सुन लीजिए ।।
त्रिशूल डमरू हाथ, नाद गंभीर कीजिए ।
प्रेम संगीत दिल का, मेरे जगा दीजिए ।।
हर हर हे शंकर, इधर कृपा कीजिए ।
सब भक्तों की करूण, वाणी सुन लीजिए।।
परमपिता जीवन, आनंद भर दीजिए ।
आत्म ज्योति जीवन की, प्रज्वलित कीजिए ।।
- मोनिका डागा "आनंद" , चेन्नई