ऐसा है मेरा आंचल

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क  


पूर्णता की चाहत लिए

प्रतीक्षारत कविताएं,,

कुछ अधमिटे शब्दों की

प्रस्तावित व्याख्याएं,,

कब से, पल-पल संजोई हुई

आशान्वित कल्पनाएं,,

संभावनाओं की देहरी पर

राह तकती आकाक्षांएं,,

और,,

मन्नतों के धागों में पिरोई हुई

अनगिनत गांठें ,

सुनों,

ऐसा है मेरा ये आंचल

संजोए हुए 

आगामी कल की हरियाली को !!


नमिता गुप्ता "मनसी"

मेरठ, उत्तर प्रदेश