दो टूक

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

गर बाइस से चाहिए,

सतयुग का प्रारम्भ।

मन से सच स्वीकार कर,

तजिए नफरत, दम्भ।

बोल जय राम लला की।

धीरु भाई