हिंदुस्तानी तुम कहलाओगे

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


मंदिर मस्ज़िद की नारेबाजी बंदकर,

जाति धर्म से ऊपर उठकर,

भाईचारा का गीत जब गाओगे,

सही मायने में उस दिन ,

हिंदुस्तानी तुम कहलाओगे।


स्वार्थ को ताख पर रखकर,

परहित को आत्मसात कर,

मिलजुकर रहना जब सीख जाओगे,

सही मायने में उस दिन ,

हिंदुस्तानी तुम कहलाओगे।


वसुधैव कुटुंबकम को अपनाकर,

जयचंदों को भगाकर ,

ईद होली एक साथ जब मनाओगे,

सही मायने में उस दिन ,

हिंदुस्तानी तुम कहलाओगे।


वतन की ख़ातिर जान लुटाकर,

अमीरी ग़रीबी का फर्क मिटाकर,

एक सूत्र में जब  बंध जाओगे,

सही मायने में उस दिन ,

हिंदुस्तानी तुम कहलाओगे।


बहु बेटियों की रक्षाकर,

अभिलिप्सित नेत्रों से उन्हें बचाकर,

उनको जब न्याय दिलाओगे ,

सही मायने में उस दिन ,

हिंदुस्तानी तुम कहलाओगे।


हर बोली,हर धर्म का सम्मान कर,

अनेकता में एकता को पल्लवित कर,

अखण्ड भारत को पुष्पित जब कर पाओगे,

सही मायने में उस दिन,

हिंदुस्तानी तुम कहलाओगे।


वैमनस्यता को भुलाकर,

प्रेम वृक्ष की जड़ें फैलाकर,

मजबूत नींव जब बन जाओगे,

सही मायने में उस दिन,

हिंदुस्तानी तुम कहलाओगे।


डॉ. रीमा सिन्हा (लखनऊ)