झारखण्ड की मनाली: पतरातू घाटी

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

प्रकृति की गोद में बसा हुआ झारखण्ड की पतरातू घाटी आज खूबसूरती में हिमाचल के मनाली से कम नहीं हैं. प्रकृति की सुन्दरतम दृश्य को निहारने के लिए सैकड़ो लोग व पड़ोसी राज्य के तमाम घूमने के शौकीन अस्त-व्यस्त शहर से दूर शांतिपूर्ण वातावरण की तलाश में स्थान-स्थान भटकते हैं, विशेषकर सर्दियों के मौसम में जहाँ खूबसूरत पर्यटन स्थल व शांतिपूर्ण माहौल हो. 

सर्दियों के मौसम में इस बांध के आस-पास की पहाड़ियों के झरने से बहता हुआ पानी इस बांध में भण्डारण किया जाता है, जो बांध के विशाल जलाशय को नये कपड़े से ओढ़ाकर नई नवेली दुल्हन-सी संजोये रखती हैं. सर्दियों की मनमोहक दृश्य व कोहरों की घाटी का आनन्द में चार चाँद लगाने के लिये यहाँ हम छोटे द्वीप घूमने का लुत्फ़ भी उठा सकते हैं. घाटी के समीप हमें प्राचीन माँ पंचवाहिनी मंदिर (पाँच माताओं का मंदिर) का दर्शन हो जाता हैं, जो धार्मिक मूल्य के लिए यहाँ के स्थानियों का महत्वपूर्ण पूज्य स्थल है.

 जहां लोग अपनी आस्था से प्रसाद के रूप में फल-फूल, मिठाई व खाद्य सामग्री नहीं, अपितु पत्थर चढ़ाते हैं. धन्य है यहाँ के रीति, यहाँ के रिवाज़, जो अभी के लालसामयी, श्रृंगारीत समाज से दूर अपनी श्रद्धा की आलोक जगाये हुऐ आस्था को प्रज्वलित कर रही हैं. पतरातू घाटी नलकार्नी बांध के नाम से भी जाना जाता है, जो पहाड़ों पर बने हुऐ खूबसूरत स्केनेरी व सर्पिन तरीके के कारण सुंदरतम और मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है, जो बांध को तीनों तरफ से सीमा में बांधे रखती है. राजधानी रांची से महज 40 किमी दूर स्थित, पतरातू लेक रिजॉर्ट राजधानी के पर्यटकों के व्यस्त जीवन से राहत दिलाती है. 

चारों ओर हरियाली पेड़-पौधे, पहाड़-पर्वत, नदी-नाले, मनोरम झरने के साथ, पतरातू लेक रिजॉर्ट दुखती आँखों के लिए भी एक गुणकारी औषधीय हैं, जो मानसिक तनाव सहित कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं. साथ ही पतरातू बांध, बिजली संयंत्र के लिए भी अत्यंत लोकप्रिय है. राँची शहर से एक घण्टे की छोटी ड्राइव आपको भीड़भाड़ शहर से दूर एक बहुत ही लोकप्रिय शान्त हिस्से में ले जायेगी. पर्यटकों को आकर्षक पतरातू सेल्फी स्टैंड के अलावा इस ड्राइव में कई तरह के संजोये गये एस-कर्व, हेयरपिन मोड़, जिग-जैग रोड और सुंदरतम दृश्य मोहित करेगी और आपके मन को उत्साह से भर देगी. 

यह ड्राइव निश्चित रूप से आपको मनाली या वालपराई के हेयरपिन मोड़ों की याद दिलाएगी. यहां की मनोरम शांत प्रकृति को जीने के बाद यकीनन हिमाचल का मनाली की याद आपको सतायेगी. राज्य सरकार के निरंतर प्रयास से आज झारखण्ड की प्रकृति भी पर्यटन की दृष्टि से काफी समृद्धि हो पायी हैं, यहाँ के प्राकृतिक दृश्य से मोहित होकर हम कह सकते हैं कि झारखण्ड का शृंगार प्रकृति ने खुद किया है. 

यहाँ आप ठंड के मौसम ही नहीं, बल्कि गर्मी के दिन बहती हुई मधुर हवाओं का भी अच्छा अनुभव ले सकते हैं. रामगढ़ जिले में स्थित पतरातू लेक रिजॉर्ट पर्यटकों के लिए बेहद आकर्षक है. पतरातू डैम की औसत ऊंचाई 405 मीटर और क्षेत्रफल 2727 एकड़ में फैला हुआ है. इसकी क्षमता 1332 रेडियस लेबल है. पतरातू बांध का निर्माण 1960 के दशक में महानतम भारतीय इंजीनियर और भारतीय इंजीनियरिंग के जनक सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की योजना के तहत किया गया हैं. 

यह बांध एक बहुउद्देशीय बांध है, जो बिजली उत्पादन, कृषि के सिंचाई और पेयजल आपूर्ति के उपयोग में लाया जाता है. रामगढ़ के पश्चिम में 30 किमी इस बांध का निर्माण पतरुत थर्मल पावर स्टेशन को पानी की आपूर्ति के उद्देश्य से किया गया था. यह एक सुंदर पर्यटन स्थल है और पूरे वर्ष के दौरान लोगों का एक बड़ा जमावड़ा पिकनिक के लिए, यहां के अन्यनतम प्रकृति से बातें करने पहुँच जाते है. स्थानीय लोगों के लिए, पतरातू घाटी एक शांत और त्वरित सप्ताहांत पलायन है. घाटी में होटल और रिसॉर्ट इसे एक सुविधाजनक छुट्टी गंतव्य स्थान बनाते हैं. 

यदि आपको रुकने और सांस लेने की आवश्यकता महसूस होती है, तो यहाँ थोड़ी देर आराम करने के लिए कई दर्शनीय स्थान हैं. आप यहाँ के भव्य दृश्य का आनंद उठा सकते हैं. जब आप घाटी में पहुँच जाते हैं, तो अपने अंदर के जुझारू व्यक्ति को प्राचीन जंगलों, घने बादल की चादरों, लंबी पैदल यात्रा के रास्तों, नदियों और झील के किनारे के स्थानों का पता लगाने दें. छिपी हुई कला, प्रकृति की कोख में जाकर स्वयं को पहचाने. मन में फूट रहे तनावो को भूलकर स्वयं की अंदरूनी ताकत को पहचाने, स्वयं को समझें और बहुत देर तक स्वयं से बातें करें. प्रकृति की यह प्राचीन घाटी आपको शान्त वातावरण प्रदान करती हैं. पतरातू लेक रिजॉर्ट के द्वार पर एक सफ़ेद घोड़े की विशाल स्टेचू आपके स्वागत में अपनी लम्बी छलांग बढ़ाये हुऐ दिख जायेंगे. 

एक अच्छी पिकनिक के लिए नयी जगह बिलकुल सही है. पतरातू घाटी उन लोगों के लिए बिलकुल उपयुक्त है, जो अपने लिए कुछ शांत समय बिताना पसंद करते हैं. अगर आप घूमना-फिरना पसंद करते हैं, समुद्र-सा मजा लेना चाहते हैं, तो ज़िन्दगी के कुछ पल इस घाटी पर अवश्य बिताये. आप आराम से यहां की हरी घास में बैठकर पुरानी यादें को ताज़गी प्रदान करें, खुले आसमान को जिये. सर्दियों के मौसम की घने कोहरे की बादल का लुत्फ़ उठाऐ. चारों ओर की हरियाली को महसूस करें और प्रकृति को अपनी कुछ कीमती वक्त दें, प्रकृति से कुछ पल गुप्तगु करें. 

साथ ही आप यहाँ की घाटी पर बोटिंग का भी भरपूर आनन्द उठा सकते हैं. प्राकृतिक नजारों से लबालब ये जगह आपको और भी ज्यादा हसीन लगेगी, बोटिंग जोकि मात्र 200 रुपए से शुरू होती है. यहां पिकनिक मनाने और छात्रों का एक विशेष समूह अपनी सेमिनार के कुछ बिंदुओं को इस घाटी में ठहरकर अपनी प्रश्नों का उत्तर तलाशने काफी अधिक संख्या में आते रहते हैं. अतः झारखण्ड की यह सुन्दर घाटी, जोकि प्रकृति की गोद में पला हैं, पतरातू लेक रिजॉर्ट एक समय तक यान-वाहन व सरकार के अपंग सोच के कारण लोगों से काफ़ी दूर-दूर रहा, आज उसे एक नयी पहचान मिली हैं. 

 -भगवती घोष, जामताड़ा (झारखण्ड)