हकीकत बयां करता कोचिंग चक्र व्यूह

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

कोचिंग चक्र व्यूह पंकज कुमार द्वारा लिखित उपन्यास है जिसमें पंकज कुमार ने कोचिंग करने वाले छात्रों के सामने आने वाली कठिनाइयों का बहुत बारीकी से चित्रण किया है| कुश नाम का छात्र जो खुद को टैलेंटेड समझता है बड़ी कोचिंग में पहुंचते ही चूर चूर हो जाता है| आज परीक्षा में असफल होने पर अयोग्य मन लिया जाता है, असफलता के पीछे कारण चाहे जो कुछ भी हो| शहर में बड़ी कोचिंग खुलने से कोचिंग वालों के साथ साथ अन्य धंधे फलते फूलते हैं| एक गरीब छात्र को रहने के लिए अच्छा कमरा भी नहीं मिल पाता और ऊपर से बाहर से आने वाले छात्रों से अवैध वसूली का भी धंधा| क्योंकि बाहर से आने वाले छात्र लड़ाई- झगड़े में पड़कर अपना कैरियर खराब नहीं करना चाहते इसलिये चुप रहते हैं| 

  टीचर द्वारा कद काठी प्रान्त के आधार पर मजाक उड़ाकर जलील करना एजी सर का उदाहारण हैं| 

परीक्षा के समय छात्रों का डिप्रेशन में जाना साथ ही घर वालों का अनावश्यक दबाव डालना व अधिक डिप्रेशन में आत्महत्या की तरफ कदम उठाना | साथ ही आम आदमी की बात सरकार द्वारा अनसुनी करने पर मजबूर होकर धरना प्रदर्शन का मार्ग अपनाना और रोड जाम करके ये बात भूल जाना की रोड जाम होने से किसी की जान जा सकती है तो किसी छात्र का भविष्य बर्बाद हो सकता है जैसे छोटी छोटी लेकिन गम्भीर समस्या की तरफ बहुत सहज सरल ढंग से चित्रण किया गया है |

पुस्तक का नाम- कोचिंग चक्र व्यूह

लेखक - पंकज कुमार

पब्लिकेशन- निखिल पब्लिशर्स

मूल्य-300/

समीक्षक - उदय राज वर्मा उदय