नए साल की शुभकामनाएँ

धूल सने पावों को,गारे ढोते कांधों को 

अन्न उपजाते कोहरे पीते खेतिहर को

       नए साल की शुभकामनाएँ

नदी किनारे जीवन छानते मछुआरों को 

बेमौसम ज़िंदगी तलाशते उन बच्चों को 

        नए साल की शुभकामनाएँ

सीना ताने,गोली खाते सीमा के प्रहरी को

विछोही जोगी, द्वार निहारे विराहिणी को

       नए साल की शुभकामनाएंँ

फूलों,बागों भंवरे,नद,पर्वत चंदा, तारों को

भूली,बिखरी,खोई-पाई खट्टी-मीठी रातों को

         नए साल की शुभकामनाएँ


मंजुला श्रीवास्तवा गाजीपुर