हर परिदृश्य में राम सर्वोपरि है ।

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

 सुंदर छवि प्यारी कमलनयन देख मन हर्षित हो जाये उस बाल स्वरूप श्री राम की मूरत मानो आनंद उमंग उल्लास का प्रतीक है । हाथों में धनुष बाण लिए जंग कल्याण का भाव यही दर्शाता है कि आप के दर्शन मात्र से पाप कट जायेंगे। आप प्रभु अन्तर्यामी हो रोम रोम में बसे हो आप की अयोध्या ने  वर्षों से अपने राम को भव्य भवन में विराजमान करने के लिए संघर्ष किया। जिस प्रकार सतयुग में अपने पिता के दिये गये वचनों को पूरा करने के लिए 24 वर्ष तक वनवास में रहें थे । उन्हीं मार्यदा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम  के भक्तो ने भी 500 सालों का कडा संघर्ष किया तब जाकर हम सभी के आर्दश आज भव्य मंदिर में विराजमान हो रहे हैं। 

अयोध्या धाम नगरी स्वर्ग से भी सुंदर है जहां आराध्य देव श्री राम के दर्शन से मन प्रफुल्लित हो जायेगा। मंद मंद मुस्कुराते हुए मेरे प्रभु राम हर युग में उनका जीवन आर्दशों से प्रेरित ही रहा है जो समाजिक व धार्मिकता के क्षेत्र के लिए मानवीय सरोकार से मनुष्य धर्म की शक्ति सबसे बड़ी शक्ति कहीं जाती है उन्हीं मानव कल्याण के लिए राम आ गये अपने भव्य मंदिर में । 

वैसे तो भारत की राजनीति हमेशा से धर्म के इर्द-गिर्द ही रही । तभी तो  अयोध्या में जब आक्रमण हुआ  बाबरी मस्जिद विध्वंस कर दी गई तो उस दौर में जमकार राजनीति हुई।उस समय आग में घी का काम राजनीति दलों ने किया वोट के खातिर कुछ आसुरी शक्तियों विघ्न डालने में पीछे नहीं रहे और राम भक्तों की राजनेताओं से न्यायालय में लम्बी चली वह भी एक दौर था जब कभी हमारे आस्था के केंद्र रहे भगवान राम को काल्पनिक बताते थे तो कभी उनके अस्तित्व पर सवाल उठाते थे । 

जब राम का काज हो तो उसमें विघ्न नहीं हो सकता न्यायालय व कानूनी लड़ाई की जीत ने न्याय दिलाया और भारत के संविधान पर भारतीयों का विश्वास बढया। जब  मंदिर निर्माण को पंख लगे उस  भारत के  भाल  में आज राममय या राम में मिलकर भगवा रंग में मिल गया है। अब  इंतजार खत्म  हो चुका है त्याग की कहानी हजारों है। 

साधु संतों व राम भक्तों का परिश्रम व  तपस्या का प्रतिफल है जो आज भव्य भवन में मेरे राम हम सबके राम बाल स्वरूप में सुंदर छवि की मूरत में तीनों लोक के नाथ अपनी अयोध्या में भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। भक्तों को उनके राम  सकारात्मक ऊर्जा के साथ सभी प्रकार से  भक्तों की रक्षा का भी आशीष दे रहे हैं।

 मार्यदा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम सत्य का  एक रुप है सनातन संस्कृति व हिन्दू आस्था की इस  भारत भूमि पर राष्ट्र  मय राम राज्य की परिकल्पना की अयोध्या आज गवाह बन गई है। जगत कल्याण के लिए अपने राम के साथ धर्म की बागडोर थमने वाले लोग आज भी अपना फर्ज अदा कर रहे हैं क्योंकि हर परिदृश्य में राम ही सर्वोपरि है। राम की हर एक बात मनुष्य जीवन के लिए अनमोल है। 

भगवान राम का हर एक दर्शन हर एक चरित्र हर एक विषय उनके जीवन के संस्मरणों से हमें शिक्षा मिलती है। दुःख तकलीफ़ से कभी हार नहीं मानने वाले राम है पिता के वचनों को निभाने वाले राम है ,साथु संतों की रक्षा करने वाले राम है ,दोस्तों के प्रति समर्पण रखने वाले राम है, भाई के दुःख में मरहम लगाने वाले राम है, रास्ता नहीं देने वाले समुद्र से विनती करने वाले राम है, अपनी  पत्नी सीता माता की रक्षा के लिए बुराईयों के उस अध्यय का अंत लंका में जा कर करने वाले राम है। 

अयोध्या नगरी के कण-कण में बसाने वाले राम है, टेंट से भव्य मंदिर में विराजमान होने वाले राम है। तो हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि राम हर एक चीज में  है तो उनका दुष्टिकोष भी आईने की तरह साफ है । वह पानी से ज्यादा कंचन की तरह साफ है  हर एक परिदृश्य में राम सर्वोपरि है। यह महा दीपावली जब भगवान राम अपने नये मंदिर में विराजमान हो रहे हैं ऐसे में किसी से कोई मतभेद नहीं रहे क्योंकि सब में राम है सबके राम है इसलिए हम अपने राममय राष्ट्र के लिए नया इतिहास लिखे ।

प्रेषक - लेखक हरिहर सिंह चौहान 

जबरी बाग नसिया इन्दौर मध्यप्रदेश 452001

मोबाइल- 9826084157