युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
राम लला के दर्शन से सुख मिलता है
कुसुमाकर के जैसा ही मुख खिलता है!1!
क्षणभर में ही टल जाता है हर संकट
गम के बादल भी न कहीं फिर दिखता है!2!
दो अक्षरों का नाम सुहाना के आगे
और न कुछ भी इस दुनिया में टिकता है!3!
सागर से भी गहरी विपदा क्षण भर में
अँधियारा के सम जीवन से मिटता है!4!
जीवन उसका होता है बेहद सुखमय
हर दिन अपनी सुंदर छवि नव लिखता है!5
✍️ज्योति नव्या श्री
रामगढ़, झारखण्ड