युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
कंधों पर है आपके, कल का प्यारा देश।
नीर,पवन संग नील नभ, ध्यान रखें परिवेश।।
बढ़े विश्व नव कल्प में, लेना आँग्लिय ज्ञान।
हिन्दी भारत भाषिका, वाणी सुभग सु-मान।।
कला रखें विज्ञान में, शुभ तकनीक प्रयोग।
ग्रंथ स्नेह मन में रखें,ई-बुक बहुरि सुजोग।।
निज मन रखना नित्य ही, 'होमी' चित का शोध।
'रमन' संग 'रामानुजम',चिंतन पठन सुबोध।।
शुद्ध भाव आध्यात्म के, भारत अंतस योग।
करतब मन का केंद्र हो,निम्न परत उपभोग।।
मात पिता हैं ईश सम, घर है ज्यों सुर लोक।
चित्त मध्य निजता बसे, व्यक्त सजे बेरोक।।
मीरा भारती ,
पटना, बिहार।