सजी है रात दुल्हन सी

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क  

सजी है रात दुल्हन सी,प्रभु के आगमन में आज/

खुशी के बह रहें आंसू ,प्रभु के आगमन में आज//

बड़े दिन बाद आज होली,दिवाली दोनों संग आई है/

बजे है ढोल नगाड़े डमरू,प्रभु के आगमन में आज//

चहुँ ओर खुशी छाई मुख,से निकले सभी के राम/

सखी गाये मंगल गीत मिल,प्रभु के आगमन में आज//

वर्षो की तपस्या के आज,सुखद परिणाम पाए है/

सभी चेहरों पे लाली है,प्रभु के आगमन में आज//

प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा का,मुहूर्त तो सुबह का है/

मगर सब जागरण करते,प्रभु के आगमन में आज//

सभी के अधरों पे है बस,जय श्री राम जय श्री राम/

अयोध्या फूले न समाती है,प्रभु के आगमन में आज//

सजाकर थाल फूलों से करें,स्वागत प्रभु का आज/

जलाया दीप एवं द्वार सब,प्रभु के आगमन में आज//

"प्रभात गौर"