हाथों में हो व्योम अपार,
आँखों में सुंदर सपने हज़ार।
है अरमान ये,पंख लगा उड़ जाना है,
नव वर्ष में सपने सच कर जाना है।
कोई न हो दुःखी लाचार,
द्वेष क्लेष न हो व्यभिचार।
है अरमान ये,सुवासित देश बनाना है।
नव वर्ष में सपने सच कर जाना है...
शिक्षा का हो समान अधिकार,
बाल मज़दूरी पर हो प्रहार।
है अरमान ये, घर घर ज्योत जलाना है।
नव वर्ष में सपने सच कर जाना है...
न हो महामारी,न संहार,
हर तरफ शांति और संस्कार।
है अरमान ये,बेटियों को ज़ुल्म से बचाना है।
नव वर्ष में सपने सच मर जाना है...
सीमा प्रहरी को मिले हर्ष अपार,
खुशियों से दम्भित हो इनका परिवार।
है अरमान यही,सबको सुरक्षित घर आना है।
नव वर्ष में सपने सच कर जाना है...
डॉ. रीमा सिन्हा (लखनऊ)