निंदा न कीजिये

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


न कभी निंदा कीजिये,न समय को बरबाद।

निज हृदय में झांकिये,हो जायें आबाद।।


मन न मिले हट जाइये,मिले कीजिये बात।

मतलब का संसार है,मतलबि आदम जात।।


ज्यादा कभी न सोचिये, न रखिये कभी  आस।

शांत चित्त रहिये सदा,सुख आयेगा पास।।


कर्म के बीज बोइये,काटिये सुख के फल।

सहनशीलता लाइये,सुधार लीजिए कल।।


डॉ. रीमा सिन्हा (लखनऊ)