हम नेताओं पर छोड़ दो

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

पहले तो बुदबुदाया,

फिर नेताजी जोर से चिल्लाया,

क्या जमाना आ गया

दुनिया बन रही बुरे कर्मों की दीवानी,

बढ़ रही है देखो मनमानी,

मन से मनमानी तोड़ दो,

कुछ काम हम नेताओं पर छोड़ दो।

हर विभाग वाले कर रहे भ्रष्टाचार,

काम वे जिससे है

आम जनता को सरोकार,

युवा बैठे हैं बेकार,

आह्वान है नई पीढ़ी से

भ्रष्टता की दिशा मोड़ दो,

कुछ काम हम नेताओं पर छोड़ दो।

गरीबी ऐसी कि नारी देह बेच रही,

ऊंचे पद वाले गरीब

देश की खुफिया जानकारी खेंच रहे,

कुछ देश ही बेच रहे,

भाइयों वतन बचाने पर जोर दो,

कुछ काम हम नेताओं पर छोड़ दो।

भारत के नेता किससे कमजोर है,

हमारे मस्तिष्क का होता बहुत जोर है,

भले ही हम नहीं सुधर सकते हैं,

पर हम कुछ भी कर सकते हैं,

हमारा समर्थन चहुंओर पुरजोर हो,

कुछ काम हम नेताओं पर छोड़ दो।

राजेन्द्र लाहिरी पामगढ़ छग