सेक्टर -1 कॉलेज में सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

मौत से जो जीत जाए वही भारतीय फौजी: सेवानिवृत्त मेजर जनरल रंजन महाजन

आज के समय में मोबाइल फोन से दूरी ही सबसे जरूरी है: सेवानिवृत्त कर्नल बलजिंदर सिंह

पंचकूला : भारतीय सेना के त्याग, समर्पण और बहादुरी के सम्मान में गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, सेक्टर -1 की दोनों एनएसएस इकाइयों द्वारा वीरवार को  सशस्त्र सेना झंडा दिवस हर्ष के साथ मनाया गया। ‘जांबाजों की कहानी, उन्हीं की ज़ुबानी’ नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा सेवानिवृत्त मेजर जनरल रंजन महाजन और सेवानिवृत्त कर्नल बलजीत सिंह को सशस्त्र सेना ध्वज प्रतीक लगाकर और कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

सेना के दिनों को याद करते हुए रंजन महाजन ने कहा कि सशस्त्र सेनाएं देश की असली ताकत हैं। सीमाओं पर सशस्त्र सेनाओं की पहरेदारी की वजह से ही हम आप सुख-चैन की नींद सो पाते हैं। सशस्त्र बल के जवान किसी भी चीज़ से पहले देश और लोगों को प्राथमिकता देते हैं। 

यहां तक कि कई बार अपने जीवन को भी दांव पर लगा देते हैं। उन्होंने कहा कि आज का यह दिन मां भारती की आन-बान-शान के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सशस्त्र सेना के जवानों को याद करने का दिन है। ऐसे कई अवसर आए हैं जब भारतीय जवानों ने मौत को भी मात दी है। सही मायनों में मौत को मात देने का काम भारतीय जवान ही कर सकता है।

करगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन विजय का हिस्सा रह चुके कर्नल बलजीत सिंह ने करगिल युद्ध में सेना के जवानों की बहादुरी के कई कहानियां सुनाई। सेना के अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि फौज अपने आप में एक जिंदगी है। 

फौज न केवल आसमान छूने का मौका देती है, बल्कि स्वर्णाक्षरों में अपना नाम अंकित कराने का भी अवसर देती है। जवानों की शहादत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि देश की जवानी देश के काम आनी चाहिए, लेकिन आज के समय में युवाओं की जवानी मोबाइल फोन में खर्च हो रही है। युवाओं को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन से दूरी ही आज के समय में सबसे जरूरी है। 

कर्नल बलजीत द्वारा सुनाई गई करगिल युद्ध में शहादत देकर अमर होने वाले 524 जवानों सहित अशोक चक्र से सम्मानित कैप्टन सौरभ कालिया और परमवीर चक्र से विभूषित कैप्टन विक्रम बत्रा और मनोज पाण्डेय की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानियों ने सेमिनार हाल में बैठे सभी विद्यार्थियों और प्राध्यापकों को रोमांच से भर दिया।

कॉलेज के प्राचार्य यशपाल सिंह ने सशस्त्र सेना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे सैनिक हमारे ढाल हैं जो देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं। उन्होंने कहा कि आज का यह दिन सैनिकों के प्रति उनकी सेवाओं के लिए कृतज्ञता ज्ञापित करने का दिन है।

कॉलेज के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनिल पाण्डेय ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज की दोनों एनएसएस इकाइयों और एनसीसी के कैडेटों के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का संचालन एनसीसी कैडेट भावना द्वारा किया गया, वहीं आभार एनएसएस की छात्रा इकाई की कार्यक्रम अधिकारी चित्रा सिंह ने जताया। कार्यक्रम में आयोजन में कॉलेज के एसएनओ डॉ. राम मेहर का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में एनएसएस के स्वयंसेवकों और एनसीसी कैडेट समेत कॉलेज के अन्य विभागों के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने भी गर्मजोशी के साथ हिस्सा लिया।