नई दिल्ली: जारी World Cup 2023 के नॉकआउट मुकाबले तैयार हैं. मैदान सच चुका है, दोनों सेनाएं तैयार हैं. बस रणभेरी बजने की देर है. और यह मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत बनाम न्यूजीलैंड मुकाबले के साथ ही इसका आगाज हो जाएगा. लीग राउंडर में जहां टीम रोहित लगातार आठ जीतों के साथ सेमीफाइनल में पहुंची है, तो वहीं कीवी टीम ने चार मैच गंवाए हैं.
यह बात भारत को मनोवैज्ञानिक फायदा देता है, लेकिन दिन विशेष पर और नॉकआउट मैच में यह पहलू हवा-हवाई हो जाता है. और जो बात आगे निकल जाती हैं, वह है रणनीति, उपलब्ध संसाधान और दिन विशेष पर बड़े मैचों के दबाव से निपटते हुए मारक प्रहार करना. इसी को ध्यान में रखते हुए टीम इंडिया ने कई प्लान तैयार किए हैं. और इसी कड़ी में भारतीय प्रबंधन को एक बड़ा मौका मिल गया है, जिस पर उन्होंने धर्मशाला पर भी वार किया था.
न्यूजीलैंड टीम के पास स्पेशलिस्ट गेंदबाज के रूप में बोल्ट, मैट हेनरी, सैटनर और लॉकी फर्ग्युसन हैं. और यहां उसे बचे दस ओवरों के कोट के लिए बल्लेबाजों या पार्टटाइमरों की ओर देखना पड़ता है. इसमें रवींद्र रचिन और विकेटकीपिंग की भी भूमिका निभाने वाले ऑफ स्पिनर और आतिशी बल्लेबाज ग्लेन फिलिप्स हैं. और भारतीय मैनेजमेंट ने इन्हीं दस ओवरों में कीवी बॉलरों की कुटाई का का प्लान बनाया है. इन दस ओवरों को दोनों हाथों से भुनाने के विशेष निर्देश बल्लेबाजों को दिए गए हैं. और इन दस ओवरों की कुटाई न्यूजीलैंड को खासी महंगी पड़ सकती है.
धर्मशाला में बैटिंग के हालात मुश्किल थे. वहां न्यूजीलैंड के खिलाफ 22 अक्टूबर को खेले गए मुकाबले में भारत ने 274 रन ही बनाए थे. और इस दौरान कीवी टीम ने दस ओवरों के कोटे को रवींद्र रचिन और ग्लेन फिलिप्स के बीच बांटा था.
इन दस ओवरों में भारत ने 58 रन दिए थे और दोनों में से कोई भी एक विकेट नहीं ले सका था. और न्यूजीलैंड की इस कमी ने भारतीय मैनेजमेंट को वह बड़ा टॉनिक दे दिया, जिसकी भारत को बहुत ज्यादा तलाश थी. और अब सेमीफाइनल में कप्तान विलियम्स के लिए इससे खुद को बचा पाना बहुत ही बड़ी चुनौती होगी.