युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
सात्विक नायक भारत के थे, सरल सौम्य निर्माता थे।
भूमि तनय की कांति सजग थी,मेल जोल विधि ज्ञाता थे।
मत-विभेद में स्नेह न कम है, व्यक्त करें तप-साधन में,
सत्य अहिंसा भाईचारा, लौह पुरुष अनुयाता थे ।
शांति-शक्ति का मेल साध लें, अल्प परख रिपु चित जानें।
बढ़ा शुल्क तब दिए चुनौती, यवन गिरा, सुख दाता थे ।
गुर्जर-भू नेतृत्व किये जब, जन मन में निश्चय भर दें,
यश उपाधि दे स्त्री दल उनको, सरदारी व्याख्याता थे ।
निज निर्भर, श्रम-सेवित भारत,मुक्त सभी अवगुण से हो,
वतन हेतु वल्लभ यह चाहें, वह गण हित उद्गाता थे।
मीरा भारती,
पटना,बिहार।