युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
अमृत काल की इस ललिमा को संचारित करने के लिए वर्तमान में जो प्रयास हो रहे हैं वह स्वर्णिम भारत का दिग्दर्शन करा रहे हैं,देश का वह दौर जब गुलामी की जंजीरों में भारत को जाकड कर रखा हुआ था तब उस अंधेरे सम्राज्य को खत्म करने हेतू असंख्य देशभक्त बलिदानी इस आजादी की जंग में कूद पड़े बच्चे बड़े नौजवान बुजुर्ग महिलाएं सभी हाथों में मशाल लेकर भारत को आजाद करने के लिए संकल्पित हो रहें थे।
उस काल खंड में कई वीर शहीद हुए उनका बलिदान उनकी कुर्बानी को देश कभी भी नहीं भूला पायेगा, उन गुमनाम असंख्य देशभक्त बलिदानियों को याद करने हेतू व देश के लोगों को अपने देश की माटी से जोड़ते हुए वर्तमान में इतना प्रभावी अभियान चलाया गया जो सभी भारत वासियों के लिए गर्व का विषय है इस से हमारी नसों में देश के प्रति कुछ कर गुजरने की चाह व जोश आयेगा, प्रत्येक देश के लोगों को यह सोचना चाहिए कि यह माटी मेरी है देश मेरा है तो हम इस पर अभिमान क्यों नहीं करें ।
हमारी युवा पीढ़ी जो इस समृद्ध काल में जन्म लिया उन्हें गुलामी का वह दौर नहीं देखा उन्होंने यातना जो अंग्रेजों द्वारा दी जाती थी नहीं देखीं धर्म संस्कृति संस्कार पर जो प्रहार मुगलों के द्वारा थोपे जाते थे अत्याचार से कंपाती वह हमारे पुरखों की पीढ़ी थी पर उस जुल्म सितम से भारत ना तो दबा ना डरा उन नाकारात्मक सोच वाले गुलामी की मानसिकता वालों से भारत के लोगो ने कोई समझौता नहीं किया ना ही अपने सिर झुकाया उन्होंने सिर कटवा दिया देश का मस्तक को झुकने नहीं दिया ।
पुरजोर तरीके से अत्याचारों का विरोध किया आजादी के लिए बलिदान दिया, तभी तो हमारे अंदर भी वर्तमान युवा पीढ़ी में भी आगे बढ़ने की जो उर्जा सकारात्मक प्रेरणा इसी माटी से मिल रहीं हैं, उसी एकता हर गांव कस्बे शहर के कण कण को उसी माटी से भर कर जो अमृत कलश मेरी माटी मेरा देश के लिए एकत्रित की गई वह हमारे देश की एकजुटता की ताकत है सभी धर्मों सम्प्रदायों के रहते विभिन्नता में एकता देश के उन बलिदानियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि ही है,इस अभियान ने हमें देश के प्रति हमारी जवाबदेही को बढ़ा दिया है।
क्योंकि हम भारत में सभी लोग आपस में बंटे हुए नहीं हैं ना भाषा के बंधनो में जाकडे हुऐ हैं, हम भारतीय जो सब रंग में रंगे हुऐ हैं भाईचारे व वसुधैव कुटुम्ब के भाव प्रवल है एकत्माक साथ भेदभाव रंगभेद से दूर हम भारत से जुड़े हुए हैं , वह सदियों तक इसी तरह जुड़े रहेंगे , क्योंकि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हम बुलबुलें हैं इसके यह गुलिस्तां हमारा, भारत एक गुलसिता ही है जिसमें विभिन्न पेड़ पौधे फूल सब एकजुट से गुलशन हमेशा महकता रहेगा।इस भारत में अलगाव आंतक व हिंसा को कोई भी स्थान नहीं दिया जायेगा , क्योंकि अहिंसा से ही विश्व शांति व मानवता को विश्व पटल पर स्थापित कर सकते हैं।
इस लिए मेरी माटी मेरा देश से जिस प्रकार युवा वर्ग जुड़ा वह बहुत ही उत्कृष्ट अभियान रहा, युवा शक्ति को देश से जोड़े रखने के लिए ऐसे अभियान जरूरी भी है , मिट्टी शुद्धता व पवित्रता में सबसे श्रेष्ठ है, मनुष्य की शुरुआत से लेकर अंत तक मिट्टी ही उसकी अपनी है, इसलिए इसके कर्जदार हम हैं देश ने हमें इतना दिया कि अब देश के प्रति हमारी जवाबदेही बहुत अधिक हो गई है।
शौर्य पराक्रम साहस का प्रतिक देश की पवित्र माटी ही है जिसने अनेक जख्मों को सहा अब उन घावों पर मरहम सम युवाओं को ही लगाना होगा, देश का भविष्य युवाओं पर ही है इसलिए राष्ट्र भक्ति राष्ट्र सेवा राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव रखते हुए सभी को इस भारत भूमि से जुड़ना ही होगा , उन वीरों और वीरांगनाओं को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है जिन्होंने भारत को अपना तन मन धन सब कुछ दे दिया, उन्हें हम सभी नमन करते हैं।
ऐसे राष्ट्रीय अभियान से जो अमृत निकला है वह सदियों तक उन देश के बलिदानियों व देशभक्तों को भारत की अंतर आत्मा में हमेशा जीवित रखा जायेगा। क्योंकि यह देश की माटी उन वीरों देश भक्तों की कहानी कहेंगी। यह कर्तव्य पंथ पर जो अमृत कलशों से मिट्टी लाई गई वह बहुत महत्वाकांक्षी योजना का प्रतिफल है जिससे युवा शक्ति इस मेरी माटी मेरा देश से जुडा तो इस अमृत महोत्सव में देशभक्ति की अमृत वाटिका में युवाओं द्वारा जो नव कापोलो को अंकुरित किया जायेगा वह भारत की तकदीर लिखेंगे वहीं नये भारत की तस्वीर को संवारेंगे।
प्रेषक लेखक हरिहर सिंह चौहान
जबरी बाग नसिया इन्दौर मध्यप्रदेश 452001
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