वास्तु के अनुसार, घर के मंदिर में करें पूजा, परिवार में बनी रहेगी सुख-शांति

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

 हिंदू धर्म में हर दिन का विशेष महत्व है। सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को जरूर समर्पित होता है। वार के अनुसार विशेष पूजा की जाती है। हालांकि, बिना त्योहार के भी रोजाना घरों में सुबह-शाम पूजा होती है। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दिन में दो बार पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही ऐसा कहा जाता है कि, शाम के समय घर में लक्ष्मी जी आती हैं ऐसे में पूजा-पाठ करना शुभ माना जाता है।

सभी जानते हैं कि, पूजा-पाठ में इतनी शक्ति होती है कि ये हमारी सभी मनोकामना पूरी कर सकती है। लेकिन पूजा को गलत तरीके से करने पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। 

आमतौर पर कुछ लोग गलत दिशा में खड़े होकर पूजा करते हैं। इससे मिलने वाले फल में बाधा आने लगती है। वास्तु में पूजा करने के नियम बताए गए हैं। उनका पालन करना बेहद जरूरी होता है, तभी पूजा संपूर्ण मानी जाती है। इसी कड़ी में जानते हैं कि पूजा करने का सही तरीका क्या है। इसके अलावा पूजा खड़े होकर करनी चाहिए या बैठकर, ये भी जानेंगे।

क्या है पूजा करने की सही विधि? 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा के दौरान हमेशा मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। इसके अलावा अपने दाहिने ओर घंटी, धूप, दीप, अगरबत्ती आदि रखनी चाहिए। इस दिशा में मुख रखकर पूजा करना शुभ माना जाता है। क्योंकि पूर्व दिशा शक्ति व शौर्य का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखकर पूजा करने से घर में बरकत होती है।

पूजा के दौरान आपके बाईं ओर पूजा की सभी सामग्री होनी चाहिए। मान्यता के अनुसार, इस तरह पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा करते समय पहले भगवान फिर अपने माथे और पूजा में बैठे सभी लोगों को तिलक लगाना चाहिए। वहीं ऐसा माना गया है कि जब भी आप पूजा करें तो बैठ कर करें, अगर आप खड़े होकर पूजा करते हैं तो उस पूजा का फल उतना नहीं मिल पाता जितना मिलना चाहिए। इसलिए आराम से बैठकर तस्सली के साथ पूजा करें।

इस बात का रखें ध्यान

घर में मंदिर लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि, मंदिर के आस-पास शौचालय नहीं होना चाहिए। साथ ही सीढ़ी के नीचे कभी भी पूजा घर नहीं होना चाहिए।