सम्बन्ध सांसों की।

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


यह दुनिया की दस्तूर है,

सांसों सी सम्बन्ध ही,

सबसे खूबसूरत उपहार है,

यही आज़ दुनिया में मंजूर है।


यह एकता की धारा है,

सर्वोत्तम संस्कार संग,

आकाश में सुशोभित खूबसूरत,

सबके दिलों में बसी हुई,

मानों एक ध्रुवतारा है।


नजदीकी सम्बन्धों में निकटता,

लाने में भरपूर मदद करता है।

आगे चलकर यह पसंद व नापसंद,

में बस अंतर का जिक्र करते हुए,

दुनिया को जागृत करने में,

पहले-पहल मदद के लिए उठता है।


जन्नत सी सुबह का पहर लाते हुए,

यहां सुकून देने वाली पहर होता है।

मजबूत इरादों से सना हुआ,

संस्कार मजबूत सा दिखता है ।


आत्मिक सुख और शांति से,

अपनत्व विवेक और विश्वास से,

भरपूर आनंद की प्राप्ति होती है।

सहजता से मिलकर रहने की,

आदतें ख़ुद व खुद जन्म लेती है।


डॉ ०अशोक,पटना,बिहार।