श्रंगार वर्णन

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


सिंदुरा चटक लगे बिंदिया चमक उठे

मुख नूर लाली लाल हमको सुहाती है।


सिर पे चुनर लाल लम्बे लम्बे काले बाल

गजरा गमक फूल मेरे मन भाती है।


कंठ सोहे स्वर्ण हार झुलति नथुनि नाक

झुमकी कानन वाली प्रीतम लुभाती है। 


कर में रचाती हिना बजता कंगन घना 

खन खन बोले धुन आंगन सजाती है 


डॉ0 अलका गुप्ता 'प्रियदर्शिनी''

लखनऊ उत्तर प्रदेश।