तइहा के बात ल बइहा लेगे

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


तइहा के बात ल बइहा लेगे

नवा  जमाना  आवथे ।।


अब के लइका मोबाइल धरे,

बइठे-बइठे नेट चलावथे ।

पढ़ई-लिखई म चेत नहीं,

खुद ल सवा शेर बतावथे ।।

तइहा के बात ल........


दाई-बाबू के नता भुलागे,

मम्मी अउ डैड बुलावथे ।

काम बूता म कोचराहा होगे,

टूरा कुकुर सहीं छुछवारथे ।।


मनखे के सुघराई बिगड़गे,

आनी-बानी चुन्दी ल रंगावथे ।

नवा बहुरिया घर म आये,

सास-ससुर ल ताव देखावथे ।।

तइहा के बात ल.......


मूल संस्कृति ल नइ जाने,

बिदेशिया चाल अपनावथे ।

पुरखा मन ले चलत आवत,

रीति-रिवाज ल भुलावथे ।।


अलकर होगे गाँव के सियानी,

कोट-कचेरी म पेसी रेंगावथे ।

भाई- भाई म पटत नइ हे,

बेटा बाप ल नियाव सिखावथे ।

तइहा के बात ल........


चाल म देखव आगी लगय,

कइसे गोठ-गोठ म फँसावथे ।

नवा नेता हा पद म बइठे,

सोन के भूती रोज कमावथे ।।


तइहा के बात ल बइहा लेगे

नवा  जमाना  आवथे ।।


मुकेश उइके 'मयारू'

ग्राम- चेपा, पाली, कोरबा(छ.ग.)

मो.नं.- 8966095681