भोले की मर्यादा

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

मैं भोले हूं भगत तुम्हारा,

क्या-क्या मैं कर जाऊंगा,

गीत तुम्हारे सांझ-सवेरे,

गाते-गाते तर जाऊंगा।

मैं भोले हूं ...

जीवन है जो भूल-भुलैया,

क्या उस पर चल पाऊंगा,

भोले के पदचिन्हों पर चल,

बस भोले-भोले गाऊंगा।

मैं भोले हूं ...

अहं माया तजकर जिसने भी,

जीवन समय बिताया है,

भोले नें उसे कर्म-पाठ का,

ककहरा सिखलाया है।

मैं भोले हूं .....

ये दिखलावे की दुनिया है,

व्यर्थ समय तू गवां रहा,

समय दिया जिसने अपनों को,

जीवन सफल बनाया है।

मैं भोले हूं ....

आओ मिलकर हम जीवन की,

सच्चाई का ध्यान धरें,

भोले की मर्यादा में रह,

खुद जीवन पूर्ण्य महान करें।

मैं भोले हूं ...

(136 वां मनका)

कार्तिकेय कुमार त्रिपाठी 'राम'

सी स्पेशल, गांधीनगर, इन्दौर