जय माँ दुर्गा

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


हे ! जगजननी दुर्गा माता भवानी, नमन तुम्हे है बारम्बार।

द्वार सजाऊँ तोरण लगाऊँ, गुहार लगाऊँ मैं बारम्बार।।


कलश बिठाकर माँ को बुलाऊँ, नवरात्र में आ जा माता।

लाल पुष्प, अक्षत भी लायी,लाल चुनरिया लायी हूँ माता।।


शरण तिहारी मैय्या मैं आयी, बिगड़ी बना दो दुर्गा माँ।

जो भी विपदा संकट भारी,क्लेश मिटा दुःख दूर करो माँ।।


नवरात्रि के नौ दिन माता,नौ रूपों में आन विराजो माँ।

ज्योति जलाकर तम को मिटाओ,दुष्टों का नाश करो माँ।।


महिषासुर राक्षस बहुतेरे, अष्टभुजाधारी दुर्गा  माँ तू आ जा।

नारी की गरिमा को जो मिटाए,रण चण्डी काली बन आ जा।।


जग जगनी जग उद्धारक मैय्या,दुष्ट- दलन को दुर्गा माँ आयी।

जब भी धरा पर संकट आया, भक्तों की रक्षा को भवानी आयी।।


जो भी माँ की करें आराधना,कष्ट सभी दुर्गा माँ हर लेती हैं।

माँ के चरणों में शीश नवाऊँ मैं, ममता वात्सल्य लुटाती जग जननी हैं।।


      स्वरचित एवं मौलिक रचना

       डॉ0 अनुराधा प्रियदर्शिनी

          मथुरा उत्तर प्रदेश