शिब्ली कालेज की भर्तियों, प्राचार्य और प्रकरण में कुलपति की भूमिका की जांच के लिए भी आदेश दिया

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

आजमगढ़ । शिब्ली नेशनल कालेज आजमगढ में सहायक प्रोफेसर भर्तियों की जांच के लिए शासन ने लिखा पत्र , प्राचार्य और कुलपति के विरुद्ध जांच के लिए राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव सुधीर एम बोबडे को लिखा पत्र ।

''शिब्ली नेशनल कालेज आजमगढ़ में 46 से अधिक सहायक प्रोफेसरों की हुई नियुक्तियों में घोर धांधली, अनियमितता और नियमों को तार-तार कर जमकर अपनों को उपकृत किया गया है। जिससे शिब्ली नोमानी साहब की आत्मा भी तड़प उठी होगी।

 इसी के साथ शिब्ली कालेज की महान परंपरा को भी कलंकित किया गया और योग्यताओं की घोर उपेक्षा की गई है। जिसके लिए प्राचार्य डॉ अफसर अली, प्रबंध समिति के चैयरमैन अबुसाद अहमद शमसी और प्रबंधक अतहर रसीद खान तथा महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पी.के शर्मा सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं। यहां एक नेक्सस काम कर रहा है, जो योग्यता को दरकिनार कर भाई भतीजावाद, अपने रिश्तेदारों और करीबियों तथा जो धन देने में सक्षम है उसी को नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नियुक्ति किया गया है। जिसको राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच होने नहीं देगा।''

उक्त आरोप लगाते हुए राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह पुष्कर ने कहा कि अनुमोदन से पूर्व  ही भ्रष्टाचार एवं अनियमितता जैसे गंभीर मामलें के प्रकाश में आने पर जनहित में अनुमोदन पर रोक लगाते हुए सम्पूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया की स्पष्ट,पारदर्शी जाँच का अनुरोध किया गया है l इसके पीछे चाहे कोई भी, कितना भी ताकतवर क्यों न हो, वह बचने नहीं पायेगा,भ्रष्टाचार में आंकठ डूबे इस खेल का पर्दाफाश होकर ही रहेगा।

शिब्ली कालेज के भ्रष्टाचार की ताबूत में आखिरी कील राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच ही ठोकेगा,जिसकी शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यहां भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि स्वयं प्राचार्य अफसर अली के सगे भाई मोहम्मद काशिफ की नियुक्ति सहायक प्रोफेसर वनस्पति विज्ञान विभाग, प्राचार्य के सगे बहनोई डा०अशरफ की भूगोल विभाग में, सहायक प्रोफेसर,कालेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष अबुसाद अहमद शमसी की रिश्तेदार डॉ सीमा सादिक की बीएड विभाग में सहायक प्रोफेसर ,सोसाइटी के अध्यक्ष शौकत अली के पुत्र डा० मोकर्रम अली की फारसी विभाग में,कालेज के प्रबंधक अतहर रशीद खान के रिश्तेदार मिर्ज़ा अहसन बेग की वनस्पति विभाग में सहायक प्रोफेसर पद‌ पर नियुक्तियां असंवैधानिक एवं नाजायज़ तरीके से योग्य अभ्यर्थियों की योग्यता और विशेषज्ञता को दरकिनार कर किया गया है ।

उन्होंने का कि इन भर्तियों में महाराजा सुहेल देव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ के कुलपति की भूमिका भी संदिग्ध हैं। अनेक शिकायतों के बाद भी उन्होंने कोई प्रभावी कार्रवाई न करके कालेज के प्राचार्य डॉ अफसर अली से अपने विशेष संबंधों को निभाया, उन्हें भ्रष्टाचार करने का पूरा अवसर दिया और स्वयं अफसर अली की प्राचार्य पद पर अवैध नियुक्ति को प्रभाव में आकर अनुमोदित कर दिया, जबकि उनकी धारा-68 के तहत जांच स्वयं राजभवन से चल रही है। यह वीसी और प्राचार्य के मिलीभगत को दर्शाता है।

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच की शिकायत पर राजभवन पहले ही  शिब्ली नेशनल कालेज की भर्तियों की जांच हेतु कुलपति को 11 सितंबर को ही आदेश दिया है जिसमें जांच आख्या 15 दिवस में भेजना था, जिसे कुलपति ने 30दिन में भी नहीं भेजा। यह कृत्य कुलपति और प्राचार्य के दुरभि संधि को दर्शाता है।

फिलहाल उत्तर प्रदेश राजभवन के आदेश पर शिब्ली नेशनल कालेज में हुई 46 से अधिक सहायक प्रोफेसरों की नियुक्तियों की जांच रिपोर्ट अभी राजभवन पहुंची तो नहीं,फिर भी जांच की आंच अभी ठंडी पड़ी भी नहीं थी कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी इस प्रकरण को संज्ञान में ले लिया है। जिसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है। इसी के साथ ही शिब्ली और महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ सीधे उच्च अधिकारियों के रडार पर आ गयें हैं।

बताते चलें कि शिब्ली नेशनल कालेज आजमगढ़ में कई बार में विभिन्न विषयों के 46 से अधिक सहायक प्रोफेसरों के लिए विज्ञापन निकाले गए थें। राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह पुष्कर ने इन नियुक्तियों में भारी पैमाने में अनियमितता,धांधली तथा भाई-भतीजावाद किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि शिब्ली कालेज में प्राचार्य और प्रबंध समिति तथा चयन समिति के निकट संबंधी व रिश्तेदारों की नियम विरुद्ध एवं असंवैधानिक तरीके से नियुक्तियां हुईं हैं,जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री जी से किया गया। शशांक शेखर सिंह पुष्कर द्वारा प्रस्तुत शिकायती तथ्यों की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव गृह तथा सूचना संजय प्रसाद ने प्रकरण को प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा महेंद्र प्रसाद अग्रवाल को भेजा है। 

यही नहीं शशांक शेखर की दूसरी शिकायतों को भी मुख्यमंत्री कार्यालय में उच्च शिक्षा देख रहे विशेष सचिव शशांक त्रिपाठी ने भी उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव को भेजा है, शिकायतों में महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ के कुलपति पी.के शर्मा और प्राचार्य शिब्ली नेशनल कालेज डॉ अफसर अली की मिलीभगत से इतने भारी पैमाने पर नियम विरुद्ध सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति किए जाने का आरोप लगाया गया है। इसी क्रम में अभी 22 सितंबर को उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा अनुभाग-1 ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और कुलाधिपति के अपर मुख्य सचिव सुधीर एम बोबडे को शिब्ली कालेज की भर्तियों, प्राचार्य और प्रकरण में कुलपति की भूमिका की जांच के लिए भी आदेश दिया है।