माँ जगदम्बे काली

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


वो हे जगदम्बे काली

वही हे वो पहाड़ोवाली

शेर पर होके माँ सवार

सुने भक्तो कि पुकार


माता के आने से जीवन

सबका हो जाये पावन

खिल उठेगा हर आँगन

माँ सेवा करू मन भावन


गरबा कि रचे हे रास

माता के लिए हे खास

करू निरंकार उपवास

नौ दिन यहाँ माँ का वास


नवरात्री के होते नौ रंग

रोज अलग अलग ढंग

दोस्तों के का हो संग

 गरबा में हो जाऊ दंग


कु, कविता चव्हाण, जळगाव, महाराष्ट्र