युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
बिगड़ी जीवनशैली और गलत खानपान के कारण लगातार लोगों में बीमारियां बढ़ रही हैं। रोगों से बचने का सबसे प्राकृतिक तरीका रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है, ताकि शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो सके।
कोरोना काल से ही लोग अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। पौष्टिक आहार, विटामिन्स के सेवन और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव इसका एक जरिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, इम्यूनिटी को बढ़ावा देना एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें लगातार प्रयास करते रहने की आवश्यकता है। योग का नियमित रूप से अभ्यास इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का बेहतर विकल्प है।
योग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है, साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने में मदद करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक तौर पर बढ़ाने के लिए कुछ योगासनों का अभ्यास लाभकारी हो सकता है। आइए आगे की स्लाइड में जानिए कुछ योगासनों के बारे में, जिनके अभ्यास से प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने के साथ कई तरह की बीमारियों के खतरे को भी कम कर सकते हैं।
प्राणायाम का करें अभ्यास
सबसे फायदेमंद योगासनों में से एक प्राणायाम है, जिसके नियमित अभ्यास से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को विशेष लाभ मिल सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में प्राणायाम का अभ्यास करना बेहद फायदेमंद हो सकता है। दिनचर्या में प्राणायाम को शामिल करके प्रतिरक्षा बढ़ाने के साथ कई तरह के संक्रमण की जटिलताओं को कम कर सकते हैं।
बालासन या चाइल्ड पोज
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए बालासन का नियमित अभ्यास कर सकते हैं। यह पीठ के निचले हिस्से में तनाव और थकान कम होता है। दिमाग को शांत रखने के साथ रक्त के परिसंचरण को सुधारने में भी इस योग के अभ्यास को फायदेमंद माना जाता है।
धनुरासन योग
धनुरासन योग का अभ्यास रक्त प्रवाह में सुधार करता है, जिससे प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। धनुरासन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायक है और पेट की समस्याएं दूर होती हैं। कमर से छाती तक की तमाम समस्याओं को दूर करने में धनुरासन योग का अभ्यास लाभदायक हो सकता है।