दो टूक

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


जेपी का घर ढाह खुश, 

साहब के मतिमंद। 

सड़कों पर मेधा सहित, 

चीख रहे आनंद। 

विरासत वापस चहिए। 

धीरु भाई