युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
आजमगढ़ : कलेक्ट्रट कचहरी रिक्सा पर ग्राम-नौबरार देवारा जदीद किता प्रथम थाना-महराजगंज तहसील-सगड़ी जिला-आजमगढ़ का मूल निवासी है। आज धरना का दूसरा दिन भूख हड़ताल पर धरनारत है। सुग्रीव निषाद ने बताया कि विगत वर्षाे में 18/05/2018 को प्रथम धरना तथा द्वितीय धरना 17/08/2022 व तीसरा तथा चौथा धरना 01/11/2022 तथा पॉचवा धरना दिनांक 18/10/2023 से धरनारत है सुग्रीव निषाद ने बताया कि आज दूसरा दिन भूख धरना जारी है निषाद ने कहा कि आज दूसरा दिन धरना जारी है।
अभी तक जिला से प्रशासन के प्रतिनिधि धरना स्थल पर नही आयें। अगर हमारी समस्यों का समाधान नही हुआ तो आत्मदाह के लिए बाध्य होगा। सुग्रीव निषाद ने बताया कि गाटा सं0-3937 में पार्क व चकरोड जो आवंटन के दौरान कायम किया गया है।
जिसका नं0 चकमार्ग सं0 01,02,03 एवं पार्क नं0 01 व पुलिस बल भी उपस्थित था। टीम द्वारा पैमाईश करके चिन्हकित करते हुए खूंटा भी गड़वा दिया गया। उक्त सीमांकन में चकमार्ग स0 02,03, तथा पार्क स0 45 पर गॉव के ही सहदेव पुत्र जवाहिर आदि अवैध रूप से गुमती व मण्डई डालकर कब्जा कर लिये हैं।
टीम द्वारा इन्हें अवैध कब्जा हटाने हेतु निर्देशित भी किया गया। पुनः अवैध कब्जेदारों को कब्जा हटाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा नोटिस भी दे दिया गया था।
ग्राम निवासी अर्जुन पुत्र जवाहिर द्वारा सरकारी खूटा गाड़ा हुआ उखाड़कर जबरदस्ती कटीला तार लगाकर घेर दिया है जिससे रास्ता बन्द हो गया। जिससे ग्राम समाज के लोगों को आने जाने में काफी समस्या उत्पन्न हो रही है।
हमारी मांग पत्र में -
1.आराजी संख्या-4427 में 0.120 कड़ी जो मौके पर पक्की सड़क है और गाटा संख्या-3937 रकबा-0.280 कड़ी जो मौके पर अवासी आवंटन है। जिस पर चक संख्या-2169व बिना मौका देखे अवासी आवंटन व पक्की सड़क पर लगाया गया है। जो आवासी आवंटन के बाद लगायाग गया जिसे खारिज करते हुए सहायक चकबन्दी अधिकारी स्तर पर जहॉ 2169ब लगा था, वहॉ लगाया जाय। क्योंकि चकदार 2169 ब का आज भी वहॉ कब्जा बरकरार है।
2.गाटा संख्या 3937 में अवासी आंवटनव के समय बने पार्क 01.45 व चकमार्ग 01, 02, 03 पर से अवैध कब्जेदारों का कब्जा खाली कराया जाय।
3.कटान परिवारों को आवासी आंवटन दिया जाय जो लोग 2007 में आवासी आवंटन से बंचित रह गये हैं।
धरना में उपस्थित में इन्द्रेश निषाद, घुरहू निषाद, रामदीन निषाद, सुबेदार साहनी, लालचन्द निषाद, राजनेत यादव, सुदामा, बुधई निषाद, मुरली निषाद आदि लोग उपस्थित रहे।