लिखना क्या है।

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

समर्पित भाव से सना हुआ,

दर्शन ज़रूरी है,

लिखने की ताकत,

मन में सुकून देने वाली ताकत,

की अहमियत बहुत सुंदर लगे,

यह समझना आसान नहीं,

बल्कि मजबूरी है।

डर और भय का क्या होगा,

अगर क़लम कमजोर होंगी।

दर्शन कोश में संकलित भावनाओं को,

कौन यहां शक्ति और भक्ति की ,

शान से लहराने वाली,

ताक़त झकझोर देंगी।

ऊर्जा और शक्ति को,

लेखनी की आज़ जरूरत है,

यह आज़ की दुनिया में,

बड़ी अहमियत व जरूरी है।

ताक़त बने लेखनी ऐसी की,

लेखनी की आग लगे,

एक धारदार छूरी है।

हृदय में धारण करें एक,

सुन्दर भाव से सना हुआ,

एक तथ्यपरक खबरे जो,

मन में सुकून देने आता है,

सफलता और समृद्धि को,

पाने का जो सही रास्ता,

समझने में देर-सवेर,

सबके मन में समा जाता है।

लेखनी ही एक ताकतवर हथियार है यहां

सुकून और खुशियां फैलातीं है।

हम दर्द हो या दुश्मन ,

सबको प्रेम रस में डूबे रहने में,

मजबूर करने की कोशिश करने में,

महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

लेखनी जब फुर्सत पाती है,

इतिहास गढ़ जाता है।

दुनिया जानती है कि विपरीत परिस्थितियों में,

कैसी ताकत देने वाली ताकत बन जाता है।

हमें आज़ सम्हलकर रहने की जरूरत है,

लेखनी में खुशहाली लाने की,

बढ़ रही अहमियत है।

नज़रें चुराना बिल्कुल ठीक नहीं है,

लेखनी में पैनी धार जरूरी है।

सभ्य समाज में व्याप्त कुरितियां को दूर करने में,

छूरी के रूप में यह दायित्व,

लेखनी ही कर सकती पूरी है।

डॉ० अशोक, पटना, बिहार।