युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
अनिल श्रीवास्तव
- मुख्यमंत्री की खौफ से बेखौफ होकर दोनों विभागों ने किया है रिश्वत का बंदरबांट
- पात्रों का नहीं हुआ विकास और विकास ने कर लिया अपना विकास
फतेहपुर। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों और बेसहारों को झोपड़पट्टी से निकालकर पक्के मकान की छत देने का निर्णय लिया था। प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जनपदों के जिला अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री आवास योजना में पूरी तरह से पारदर्शिता का ध्यान देते हुए पात्रों को शीघ्र लाभ दिलाया जाए।
मुख्यमंत्री की चेतावनी का असर भले ही प्रदेश के अन्य जनपदों में लागू होता नजर आ रहा हो किंतु इस जनपद में मुख्यमंत्री के निर्देशों का डूडा कार्यालय और तत्कालीन लेखपाल ओम प्रकाश विश्वकर्मा ने धज्जियां उड़ा कर रख दिया है। हैरत की बात तो यह है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के खौफसे बेखौफ होकर डूडा कार्यालय के अधिकारी से लेकर कर्मचारियों और तत्कालीन लेखपाल भी भ्रष्ट कार्यशैली के चलते पत्र तो लाभ से वंचित रहे लेकिन अपात्र डूडा विभाग और लेखपाल की भ्रष्टाचार शैली के चलते संचित रहे।
कार्यालय और तत्कालीन लेखपाल ओम प्रकाश विश्वकर्मा ने रिश्वत लेकर पात्रों की जगह ऐसे अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने का काम किया है जिनके पास पहले से ही पक्के मकान और खेत खलियान के अलावा सारी सुख सुविधा पूरी तरह से उपलब्ध हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना में की गई घपलेबाजी की जांच यदि बारीकी से करा ली जाए तो भ्रष्टाचार का महा जिन्न निकलकर सामने आ जाएगा।