युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
गोण्डा। जिले में जिम्मेदार अधिकारियों व पुलिस प्रशासन द्वारा भले ही अवैध खनन पर रोक लगाने का दावा किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ खनन माफियाओं द्वारा जिम्मेदारों के झोलियों में गांधी रूपी प्रसाद डालकर खुलेआम अवैध खनन किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन द्वारा अवैध खनन पर रोक लगाना तो दूर मौके पर जाना भी उचित नही समझा जाता।
जिससे कहीं न कहीं काफी तेजतर्रार कहलाने वाली जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निष्पक्षता पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है। आपको बता दें कि इस समय बड़े पैमाने पर बेख़ौफ़ खनन माफियाओं के वाहन खेतों से मिट्टी व बालू का अवैध खनन कर पूरी रात सड़कों फर्राटा भरते देखे जा रहे हैं परन्तु वहां की पुलिस भी गस्त में मस्त रहती है। तहसील क्षेत्र कर्नलगंज के क्षेत्र में गज्जूपुरवा सकरौरा, प्रा०वि० लौदाडीह बसालतपुर के पास पानी टंकी के पीछे सहित कई स्थानों पर रात्रि 11 बजे के बाद जेसीबी से अवैध मिट्टी व बालू खनन बेधड़क हो रहा है। शनिवार को इस क्षेत्र के बाहर जेसीबी लगाकर खेतों से मिट्टी खनन होता देखा गया।
खनन माफियाओं द्वारा पहले मशीन से खेतों की मिट्टी खनन किया जाता है औश्र फिर उसे ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर मुख्य मार्गों से गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य किया जाता है। इस क्षेत्र में मिट्टी खनन माफियाओं का मकड़जाल इस कदर फैला हुआ है कि उन्हें न तो प्रशासन का डर है और न ही पुलिस का ही भय है। सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि पुलिस के बिना कोई परिंदा पर नही मार सकता है।
उसके बावजूद खनन हो रहा है। इससे कोतवाली कर्नलगंज के कोतवाल चितवन कुमार के भी कार्यशैली पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि और वह खनन माफियाओं पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। इससे क्षेत्र में अवैध खनन का कारोबार बदस्तूर जारी है और जिम्मेदार अधिकारियों व पुलिस प्रशासन का इस अवैध कारोबार को संरक्षण दिया जाना प्रतीत हो रहा है। अब देखना यह है कि जिले की डीएम नेहा शर्मा की नजर इस पर पड़ती है या नहीं और जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों व खनन माफिया पर क्या कार्रवाई की जाती है।