युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
मां की कोख से एक नन्ही
कोमल कली के रुप में ,
जन्म लिया बेटी ने।
बसंती बयार घर की चारदीवारी पार कर,
आंगन से होती हुई फैल गई चंहु ओर।
एक साथ मां दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती के काम,
यही बेटीयां निभाएगी बड़ी हो कर,
इन्हीं तीनों के पावन रूप में,
करो स्वीकार अपनी बेटियां।
हर त्योहार की शान बढ़ाती बेटियां,
राखी , भैय्या दूज की रौनक हे यह बेटियां।
नवरात्रि, दीपावली पर बेटियां,
लक्ष्मी रूप बन जाती हें।
होली और अन्य पूजन में
दीप ,पुष्प,अक्षत ले थाल सजाती बेटियां।
एक नहीं दो परिवारों का सम्मान बनती बेटियां ,
मां -बाबा को देती सम्मान तो,
ससुराल की मर्यादा, वंश बढ़ाती बेटियां।
पुरुषों के समान लेती ज़िम्मेदारी कंधों पर,
इमानदारी से फिर निभातीअपने कर्तव्य ।
परिवारों में बहती सरिता सी,
खुशियां भर्ती बेटियां।
अबीर , गुलाल सी सुंदर रंगोली बनती बेटियां।
बजे शहनाई दो बधाई जब,
घर में जन्मे यह बेटियां।
बेला विरदी
1382, सेक्टर-18,
जगाधरी- हरियाणा
8295863204