युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक भद्रा माह के रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। कृष्ण का जन्म पाप का अंत, असत्य और अधर्म का नाश करने के लिए हुआ था।
जन्माष्टमी के मौके पर भक्त श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करते हैं। इस दौरान कृष्ण मंदिरों में खास उत्सव का आयोजन होता है। बाल गोपाल का जन्म कराया जाता है और भजन कीर्तन किया जाता है। अधिकतर मंदिर रात के समय बंद हो जाते हैं और भगवान विश्राम करते हैं लेकिन चूंकि लड्डू गोपाल का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था, ऐसे में जन्माष्टमी के मौके पर आधी रात को मंदिरों में पूजा होती है।
श्रीकृष्ण का नाम आते ही सबसे पहले मथुरा, गोकुल और वृंदावन याद आता है। यहां श्रीकृष्ण का बचपन बीता। बाद में वह गुजरात के द्वारका के राजा बनें। इन जगहों पर श्रीकृष्ण के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं। हालांकि दक्षिण भारत में भी भगवान कृष्ण के बहुत ही विशाल और प्राचीन मंदिर हैं। अगर आप जन्माष्टमी के दौरान दक्षिण भारत की यात्रा पर हैं तो इन कृष्ण मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।
गुरुवायुर मंदिर, केरल
द्वारका गुजरात में है लेकिन दक्षिण भारत के द्वारका मंदिर के नाम से मशहूर गुरुवायूर मंदिर केरल में है। यह दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को भूलोका बैकुंठ भी कहा जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भूलोका बैकुंठ पृथ्वी पर भगवान विष्णु का सबसे पवित्र स्थान है। यहां भगवान कृष्ण बाल रूप में हैं जिन्हें गुरुवायुरुप्पन कहते हैं।
मान्यता है कि जब गुजरात के द्वारका में बाढ़ आई तो कृष्ण की प्रतिमा बाढ़ में बह गई, गुरू बृहस्पति ने देखा तो प्रतिमा को बाढ़ से निकालकर दोबारा स्थापना के लिए जगह तलाशने लगें। भगवान शिव और माता पार्वती ने उन्हें केरल में मूर्ति की स्थापना करने को कहा। इस पर बृहस्पति देव ने वायु देव की मदद से केरल में कृष्ण की प्रतिमा की स्थापना की। इस कारण यह मंदिर गुरु (बृहस्पति देव) और वायुर (वायु देव) के नाम पर पुकारा जाने लगा।
पार्थसारथी मंदिर त्रिपलीकेन, चेन्नई
चेन्नई शहर में भी भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध मंदिर है, जिसका नाम पार्थसारथी मंदिर है। यह मंदिर त्रिपलीकेन में स्थित है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के चार अवतारों की पूजा होती है, एक कृष्ण, राम, नृसिंह और भगवान वराह। मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है और इसकी वास्तुकला अद्भुत है।
जगन्नाथ पुरी, उड़ीसा
भारत के चार धामों में से एक उड़ीसा राज्य के पुरी में है। जगन्नाथ पुरी मंदिर में भगवान कृष्ण अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं। मान्यता है कि द्वापर के बाद भगवान कृष्ण पुरी में निवास करने लगे थे। हर साल जगन्नाथ पुरी से रथ यात्रा निकाली जाती है, जो दुनियाभर में मशहूर है।
श्रीकृष्ण मठ मंदिर उडुपी, कर्नाटक
दक्षिण भारत में श्रीकृष्ण मठ है। कर्नाटक में भगवान श्रीकृष्ण का प्रसिद्ध मंदिर है। कर्नाटक के उडुपी में श्रीकृष्ण मठ मंदिर में भगवान कृष्ण की पूजा खिड़की के नौ छिद्रों में से की जाती है। लकड़ी और पत्थर से निर्मित इस मंदिर के करीब मौजूद तालाब के पानी में मंदिर का प्रतिबिंब दिखाई देता है। जन्माष्टमी के मौके पर यहां भव्य उत्सव का आयोजन होता है और आसपास के शहरों से लोग दर्शन व पूजा अर्चना के लिए आते हैं।