युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
नांक तक है नीर भाई,
आप कब तक चुप रहेंगे।
दूर कोसों तीर भाई,
आप कब तक चुप रहेंगे।
खेत में भी, खेल में भी,
राह में भी, रेल में भी,
अब हिरासत, जेल में भी,
लुट रही है चीर भाई,
आप कब तक चुप रहेंगे।
नांक तक है नीर भाई,
आप कब तक चुप रहेंगे।
कहीं सुंदर मर्म को ले,
कहीं कट्टर धर्म को ले,
जात को ले, कर्म को ले,
दे रहे हैं पीर भाई,
आप कब तक चुप रहेंगे।
नांक तक है नीर भाई,
आप कब तक चुप रहेंगे।
नमक रोटी दाल चावल,
दाम से लड़ मिले घायल,
बेच नथिया कड़ा पायल,
आ रही घर में दवाई,
आप कब तक चुप रहेंगे।
नांक तक है नीर भाई,
आप कब तक चुप रहेंगे।
है विषमता रूल में भी,
हर जगह महसूल में भी,
साहबां स्कूल में भी,
घड़ा छूने पर पिटाई,
आप कब तक चुप रहेंगे।
नांक तक है नीर भाई,
आप कब तक चुप रहेंगे।
जो खजाना ले भगे हैं,
जिन वकीलों से लगे हैं,
वे सभी सर के सगे हैं,
आम है तस्वीर भाई,
आप कब तक चुप रहेंगे।
नांक तक है नीर भाई,
आप कब तक चुप रहेंगे।
- धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव
-7080108888