रोजगार सेवक के फर्जी नियुक्ति मामले में संलिप्त अधिकारी पर गिर सकती है गाज

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

गाजीपुर। ग्राम रोजगार सेवक के फर्जी नियुक्ति प्रकरण में डीसी मनरेगा व खण्ड विकास अधिकारी करण्डा के दिलचस्पी लेने और मामले में लीपापोती करने में संल्प्ति होने का आरोप शिकायकर्ता ने दिया है। मामला ग्राम रोजगार सेवक संतोष कुमार ग्राम धंरवा, ब्लाक करण्डा सदर तहसील का है संतोष कुमार की नियुक्ति महिला आरक्षित सीट पर सारे नियमो को ताख पर रखकर सन् 2008 के सपा सरकार में कर दी गयी। तत्कालिन ग्रामप्रधान मुंगिया देवी व ग्राम सेके्रटरी राजकुमार सिंह व डीसी मनरेगा ने नाजायज दबाव में संतोष कुमार पुरूष की नियुक्ति महिला आरक्षित सीट पर कर दी और तभी से वेतन उठाता रहा। 

मामले की जानकारी होने पर समाजसेवी लोरिक बिन्द ने महिला सीट पर पुरूष रोजगार सेवक के नियुक्ति होने पर मामला ने जार पकड़ा और विगत अप्रैल माह में इसकी शिकायत डीसी मनरेगा से की गयी जिसमें डीसी मनरेगा ने मामले को दबाने का प्रयास किया शिकायती पत्रो को जबाब देने से भागते रहे। शिकायतकर्ता ने आईजीआरएस के माध्यम से इसकी शिकायत मुंख्यमंत्री से की तो डीसी मनरेगा ने मुख्य विकास अधिकारी को अपने पत्र सं. 62/मनरेगा-सेल/जनता दर्शन संदर्भ/2023-24, 24 अप्रैल 2023 के माध्यम से अवगत कराया कि ग्राम पंचायत धरवा महिला आरक्षण की श्रेणी के लिए था परन्तु उस पर पुरूष रोजगार सेवक की नियुक्ति की गयी है जो नियम संगत नही है। 

शासनादेश के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। कार्यवाही के बाबत शिकायतकर्ता ने विगत लगभग पांच माह से लिखित पत्र दे रहा है, जिसपर डीसी मनरेगा व खण्ड विकास अधिकारी करण्डा ग्राम पंचायत के बैठक का हवाला देकर मामले को लटकाने में लगे हुए है। टेलीफोनिक वार्ता में डीसी मनरेगा ने बताया कि ग्राम पंचायत इसकी नियुक्ति प्राधिकृत है इसलिए ग्राम पंचायत की बैठक से ही इसकी नियुक्ति निरस्त की जा सकती है। जिसपर अगली बैठक की तारीख बताकर मामले से पल्ला झाड़ते नजर आये। वही सूबे की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में जीरो टालरेन्स के दावे को खोखला साबित करने वाले इन अधिकारियो पर अंकुश लगायेगीं। फरियादी इस प्रकरण में इतना देरी होने पर मुख्यमंत्री से पुनः गुहार लगायी है।