दो टूक

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

लिखने पढ़ने को हुआ, 

स्याही का निर्मान। 

डेढ़ दशक से हो रहा, 

उसका भी अपमान। 

फेंक स्याही, स्याही पर। 

धीरु भाई