युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
था एक सच्चा रिश्ता
जिसे सींचि थी मैं
प्यार और विश्वास से
वो भी आज टूट गए,
था एक हर बंधन और
रीति-रिवाजो से परे
मजबूत रेशम के धागों
में पिरोये हुए रिश्ते
वो भी आज टूट गए,
तमाम कोशिशों हुई थी
उसे बचाने की पर
झुलस गया अंधविश्वास
की प्रचंड अग्नि में वो
रिश्ता जिसे वर्षो से मैं सींचती
रही अपने खून-पसीने में,
था ये वक़्त का न जाने
कैसा कहर जो इन
आत्मा से जुड़े हर रिश्ते
भी आज टूट गए।।
-- लवली आनंद
मुजफ्फरपुर , बिहार