ज्योतिष के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति की कृपा पाने के लिए करें हल्दी से जुड़े कुछ उपाय

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

प्राचीन काल से ही हल्दी को शुभ और मंगलकारी माना गया है। सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य हल्दी के बिना पूर्ण नहीं होता है। हल्दी का पीला रंग उसे गुरु ग्रह बृहस्पति से जोड़ता है, इसलिए कुंडली में बृहस्पति ग्रह को बलवान बनाने के लिए अलग-अलग प्रकार से हल्दी का प्रयोग होता है। ज्योतिष के अनुसार देवताओं के गुरु बृहस्पति को एक शुभ देवता और ग्रह माना गया है। जिनकी शुभ दृष्टि से व्यक्ति को सुख, सौभाग्य, लंबी आयु, धर्म लाभ आदि प्राप्त होता है। आमतौर पर देवगुरु बृहस्पति शुभ फल ही प्रदान करते हैं, लेकिन यदि कुंडली में यह किसी पापी ग्रह के साथ बैठ जाएं तो कभी-कभी अशुभ संकेत भी देने लगते हैं।  

बृहस्पति के अशुभ होने पर व्यक्ति के विवाह में विलंब होता है। उसकी पढ़ाई-लिखाई में बाधा, मान-सम्मान में हानि और रोजी-रोजगार का संकट आदि झेलना पड़ता है। ऐसे में बृहस्पति की कृपा पाने और इनसे जुड़े दोष को दूर करने के लिए हल्दी से जुड़े हुए धार्मिक उपाय कर सकते हैं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार बृहस्पति देवता को पीला रंग अत्यधिक प्रिय है। यही कारण है कि उनकी पूजा में हल्दी का प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है। बृहस्पतिवार को सुबह गांठ वाली पीली हल्दी को पीले धागे में बांधकर गले या बाजू में पहनें, ये उपाय पीले पुखराज की तरह काम करता है और बृहस्पति ग्रह को मजबूत करता है।

देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन चने की दाल, हल्दी, पीले वस्त्र और बेसन के लड्डू आदि किसी योग्य ब्राह्मण को दान करें और केले के वृक्ष पर हल्दी मिश्रित जल चढ़ाएं।

सूर्य को हल्दी मिलाकर जल अर्पित करने से विवाह में आ रही हर रूकावट दूर होती है। यदि आपको पेट से जुड़ी कोई समस्या हैं तो गुरुवार के दिन किसी मंदिर में अथवा किसी ब्राह्मण को हल्दी का दान करना अच्छा रहेगा। हल्दी की माला से मंत्र जाप इंसान को बुद्धिमान और ज्ञानी बनाता है।

प्रतिदिन भगवान श्रीविष्णु की आराधना के बाद उनका हल्दी और चंदन का तिलक करें। किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए निकलते समय अपने माथे पर भी हल्दी का तिलक लगाएं, ऐसा करने से कार्यों में सफलता अवश्य मिलेगी।

देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन 'ॐ भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का एक माला जाप करें। साथ ही भगवान विष्णु या उनके किसी भी अवतार को संभव हो तो पीले रंग के फल का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटें।

घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को रोकने के लिए और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि के लिए मुख्यद्वार के दोनों तरफ गुरुवार के दिन हल्दी के स्वास्तिक लगाएं।

यदि आपका व्यापार मंदा चल रहा है, तो उसमें उन्नति के लिए आप गुरुवार के दिन हल्दी और केसर को पानी में मिलाकर उससे तिजोरी पर स्वास्तिक बनाएं। नियमित रूप से पूजा करें। व्यापार में उन्नति होगी।