युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
भगवान शिव का प्रिय महीना सावन या श्रावण मास शुरू हो चूका है। श्रावण मास भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सबसे बेहतर समय होता है। मान्यता है कि इसी माह में माता पार्वती ने कठोर तपस्या और व्रत करके भगवान शिव को प्रसन्न किया और पति के रूप में प्राप्त किया था। एक कथा के मुताबिक, सावन के महीने में ही शिवजी ने समुद्र मंथन से निकला विष पीकर सृष्टि की रक्षा की थी।
सावन के महीने में शिव जी की पूजा का महत्व और बढ़ जाता है। भगवान शिव की पूजा के लिए भारत में कई प्राचीन शिव मंदिर, ज्योतिर्लिंग और शिवालय मौजूद हैं। सावन के महीने में आप शिव जी के प्राचीन और अद्भुत मंदिर के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं, साथ ही परिवार व परिजनों के साथ घूमना चाहते हैं तो नेपाल का सफर कर सकते हैं।
भारत के पड़ोसी देश नेपाल की यात्रा में प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करने के साथ ही विदेशी यात्रा का अनुभव मिलेगा। आइए जानते हैं काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए कैसे जाना है और किस तरह से कम पैसों में ट्रिप प्लान करें।
कब खुलता है पशुपतिनाथ मंदिर
पशुपतिनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर प्रतिदिन सुबह 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुलता है। दोपहर और शाम पांच बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं। दर्शन के लिए सबसे उत्तम समय सुबह या फिर देर शाम है। पूरे मंदिर परिसर के भ्रमण में एक से डेढ़ घंटे का वक्त लगता है।
मंदिर देवपाटन गांव बागमती नदी के किनारे स्थित है। यहां भगवान शिव की एक पांच मुख वाली मूर्ति भी है। मान्यता है कि पशुपतिनाथ मंदिर का ज्योतिर्लिंग पारस पत्थर के समान है। भगवान शिव की पंचमुखी मूर्ति तक पहुंचने के लिए चार दरवाजे हैं, जो चांदी के हैं। पशुपतिनाथ ज्योतिर्लिंग को केदारनाथ मंदिर का आधा भाग माना जाता है।
मंदिर से जुड़ी मान्यता
कहा जाता है कि जो भी पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए आता है, उसे किसी भी जन्म में पशु की योनि नहीं मिलती है। दर्शन के लिए आए तो ध्यान में रखें कि शिवलिंग से पहले नंदी जी के दर्शन न करें। मंदिर परिसर में बासुकीनाथ मंदिर, उन्मत्त भैरव मंदिर, सूर्य नारायण मंदिर , कीर्ति मुख भैरव मंदिर, 184 शिवलिंग मूर्तियां और बूंदा नीलकंठ मंदिर आदि मौजूद हैं।
कैसे पहुंचे नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर
पशुपतिनाथ ज्योतिर्लिंग नेपाल के काठमांडू में स्थित है। नेपाल जाने के लिए दिल्ली से ट्रेन, फ्लाइट और बस सेवा उपलब्ध है। बजट में यात्रा के लिए ट्रेन से सफर करें, क्योंकि ट्रेन का किराया फ्लाइट और बस से सस्ता है। दिल्ली से कई सारी ट्रेन चलती हैं, जैसे रक्सौल तक सत्याग्रह एक्सप्रेस जाती है। इस ट्रेन के स्लीपर कोच का किराया लगभग 500 रुपये है। आनंद विहार से शाम पांच बजे ये ट्रेन रवाना होती है।
रक्सौल रेलवे स्टेशन से 20-30 रुपये में ऑटो रिक्शा वाले नेपाल बॉर्डर तक पहुंचा देते हैं। यहां आप भारतीय रुपयों को नेपाल की करेंसी में एक्सचेंज करा सकते हैं। नेपाल बॉर्डर से आपको काठमांडू के लिए बस या टैक्सी मिल जाएगी। इसके अलावा गोरखपुर तक ट्रेन से जाएं, आगे सनोली तक के लिए बस यात्रा कर सकते हैं, जो आपके नेपाल बॉर्डर पहुंचा देगी और फिर काठमांडू के लिए यहां से बस मिल जाएगी।
फ्लाइट से जा रहे हैं तो दिल्ली से काठमांडू के लिए सीधी हवाई सेवा है। काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से शहर महज 5 किलोमीटर की दूरी पर है।
नेपाल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
पशुपतिनाथ मंदिर के अलावा भी नेपाल में कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। काठमांडू में कई सुंदर मठ बने हैं, इसके अलावा स्वयंभूनाथ मंदिर, पोखरा में देवी फाॅल, फेवा झील घूमने भी जा सकते हैं।