अभियंता दिवस

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


सड़कों, रेलों इमारतों, मशीनों का

करते वे अदम्य निर्माण, 

देते जीवन को वे दिशा एक गतिमान। 

बिजलियों के तारों को सुलझाते, 

परिश्रम, धैर्य को बांध बनाते। 


उनकी शिक्षा का अमूल्य वरदान, 

दुनिया को करता निरन्तर चलायमान। 

यदि न हो अभियंता महान, 

फिर कौन दे विश्व को विकासशील अभियान। 

उनकी महत्ता को नमन कर सिर झुकाते है, 

आओ अभियंता दिवस मनाते हैं। 


सभी करते हैं कुछ न कुछ निर्माण 

वेदना, प्रेम,  समर्पण, ज्ञान। 

मस्तिष्क के तारों में उलझे 

भावनाओं, संवेदनाओं को बुनते। 

जीवन की इस अद्भुत सृष्टि में 

अभियंता हर इंसा है अपनी दृष्टि में। 


-वंदना अग्रवाल 'निराली' 

  लखनऊ, उत्तर प्रदेश