तीज व्रत मनभावन सा

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


तीज की आई बहारें

भादो की हलकी फुहारें

गौरी शंकर की पूजा अर्चना,

मन ले प्रियतम के प्रेम में हिचकोले,

चुड़ी ,बिंदिया,मेहंदी रचे हाथ,

महावर,पायजनिया,बिछिया,

से रुनझुन रुनझुन करते पांव,

सिंदूर भरी मांग, नयनों में कजरा

सजा कर बालों में गजरा,

सुर्ख लाल जोड़े में सजी,

कर के सोलह श्रृंगार ,

बैठी गौरी शंकर के पूजन को,

पंडित जी ने किया मंत्रोचारण।

उम्र लंबी हो साजन की,

मांगा ये वरदान।

सातों जन्म रहे बंधन,

जुदाई न आए उनसे कभी

हो ऐसा संगम।

तीज पर्व है प्रेम का प्रतीक,

जब तक जिऊं छूटे न साथ साजन का,

करती रहूं तीज व्रत मनभावन सा।

 

          (स्वरचित)

          सविता राज

         मुजफ्फरपुर बिहार