लाल सिंह चड्ढा पर बात करते हुए बोले डायरेक्टर प्रकाश झा, ‘कहानी नहीं है तो फिल्में बनाना बंद कर दो’

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

पिछले कुछ महीनों से बॉलीवुड की फिल्में बाक्स आफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी है। फिल्म मेकर्स को बाक्स आफिस पर नुकसान के साथ-साथ दर्शकों का गुस्सा भी झेलना पड़ रहा है। लाल सिंह चड्ढा हो या फिर शमशेरा बाक्स आफिस पर सबको भारी नुकसान हुआ। इन नुकसान की एक वजह लोग बायकॉट को भी मान रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से बहुत सी फिल्मों को बायकॉट करनी मांग की गई। सोशल मीडिया पर बायकॉट का ट्रेंड भी चला।

 इनकी वजह से भी फिल्मों को नुकसान झेलना पड़ा। वहीं, अब डायरेक्टर प्रकाश झा ने बायकॉट मुद्दों अपनी प्रतिक्रिया दी है। बॉलीवुड फिल्मों को बायकॉट की वजह से हो रहे नुकसान पर डारेक्टर प्रकाश झा ने बात की है। एक मीडिया हाउस से बात करते हुए प्रकाश झा ने कहा कि उन्हें समझना चाहिए वह बकवास बना रहे हैं। कोई भी फिल्म सिर्फ पैसों, कॉरपोरेट और एक्टर्स को ज्यादा पैसे देने से नहीं बनती है। उसके लिए एक अच्छी कहानी की जरुरत है जो एंटरटेन करे।

 प्रकाश झा ने आगे कहा- ज्यादातर फिल्में इंग्लिश, कोरियन, तमिल और तेलुगू फिल्मों का रीमेक है। उन्हें वह कहानी बनानी चाहिए जो लोगों की जड़ों से जुड़ी हो। हिंदी इंडस्ट्री के लोग हिंदी बोल रहे हैं लेकिन वह क्या बना रहे हैं। वह सिर्फ रीमेक बना रहे हैं। अगर आपके पास कहानी नहीं है तो फिल्में बनाना बंद कर दो। उन्हें मेहनत करनी चाहिए और कुछ नया सोचना चाहिए। लोग आलसी हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा- हम कहानी और कंटेंट में इनवेस्ट नहीं कर रहे हैं। 

हम राइटिंग में टाइम नहीं दे रहे हैं। हम उनकी रिस्पेक्ट नहीं कर रहे हैं जिनके पास अच्छी कहानियां हैं। हम ग्लैमर देख रहे हैं जो 8-10 वैन और 20-25 स्टाफ के साथ शूट के लिए आते हैं। वहीं, प्रकाश झा ने लाल सिंह चड्ढा पर बात करते हुए कहा कि फिल्म के फ्लाप होने में बायकॉट का कोई हाथ नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर दंगल और लगान बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होती तो हम समझते कि ये बायकॉट ट्रेंड की वजह से हुआ है लेकिन आपने जो फिल्म बनाई है वो लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई। मुझे अभी तक कोई ऐसा नहीं मिला हो जिनसे कहा-वाओ क्या फिल्म थी।