Independence Day 2022: 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। सालों चले स्वतंत्रता संग्राम, कई आंदोलनों और देशभक्ति से सराबोर नौजवानो की शहादत के बाद हिंदुस्तान में तिरंगा लहराया गया। आज के आजाद भारत को पाने के लिए गुलाम भारत ने बहुत कुछ सहा। जिसकी यादें आज भी हमारे देश की कई जगहों पर जीवित हैं। ये जगहें भारत की गुलामी से लेकर आजादी तक की गवाह हैं। इतिहास के पन्नों पर दर्ज इन जगहों में से कहीं हंसते हंसते हमारे वीरों ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी, तो कहीं से अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार की गई थी। देश की वो जेल, जहां आजादी की आवाज उठाने पर स्वतंत्रता सेनानियों को सजा के तौर पर कैद कर दिया गया, तो वो सीमा जहां भारत पाकिस्तान को दो अलग देशों में बांट दिया गया। आजादी के बाद से स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाता दिल्ली का वह लाल किला और राजपथ, जहां से फहराया जाने वाला तिरंगा और जवानों की परेड हर भारतीय को देशभक्ति की भावना से सराबोर कर देती है। हर भारतीय को एक बार इन जगहों पर जरूर जाना चाहिए। देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस मौके पर अगर आप कहीं यात्रा की योजना बना रहे हैं तो राष्ट्रप्रेम बढ़ाने वाली इन जगहों पर जरूर जाएं।
दिल्ली का राष्ट्रीय शहीद स्मारक
अगर आपके पास घूमने के लिए ज्यादा बजट और समय नहीं है तो आप 15 अगस्त के मौके पर दिल्ली जा सकते हैं। यहां लाल किले पर ध्वजारोहण और परेड देख सकते हैं। इसके साथ ही इंडिया गेट के पास बने नेशनल वॉर मेमोरियल जा सकते हैं। यहां साल 1947, 1962, 1971 और 1999 में हुए युद्ध में शहीद हुए वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दे सकते हैं। लाल किला घूमने जा सकते हैं। कम बजट और एक दिन की छुट्टी में आप देशभक्ति से सराबोर इन जगहों पर घूम सकते हैं।
दिल्ली का राष्ट्रीय शहीद स्मारक
अगर आपके पास घूमने के लिए ज्यादा बजट और समय नहीं है तो आप 15 अगस्त के मौके पर दिल्ली जा सकते हैं। यहां लाल किले पर ध्वजारोहण और परेड देख सकते हैं। इसके साथ ही इंडिया गेट के पास बने नेशनल वॉर मेमोरियल जा सकते हैं। यहां साल 1947, 1962, 1971 और 1999 में हुए युद्ध में शहीद हुए वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दे सकते हैं। लाल किला घूमने जा सकते हैं। कम बजट और एक दिन की छुट्टी में आप देशभक्ति से सराबोर इन जगहों पर घूम सकते हैं।
वाघा बॉर्डर
अमृतसर में भारत पाकिस्तान को अलग करने वाली सीमा है। इस भारत पाकिस्तान बॉर्डर को वाघा बॉर्डर के नाम से जाना जाता है। यहां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर परेड होती है। हजारों लोग वाघा बॉर्डर पर राष्ट्रीय दिवस का जश्न मनाने के लिए पहुंचते हैं। वहां का नजारा देशप्रेम और ऊर्जा व जोश से भरपूर होता है। आप यहां भी जा सकते हैं।
सेलुलर जेल, अंडमान निकोबार द्वीप
अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर सेलुलर जेल बनी है, जिसे काला पानी के नाम से भी जाना जाता है। इस जेल को अब एक म्यूजियम और स्मारक में परिवर्तित कर दिया गया है। सेलुलर जेल में बना म्यूजियम और स्मारक आजादी से पहले स्वतंत्रता सेनानियों के साथ हुई यातनाओं की गवाही देता है।