वृन्दावन।दावानल कुंड क्षेत्र स्थित करह आश्रम में गोस्वामी तुलसी जयंती,करह बिहारी सरकार रामदास महाराज के जन्मोत्सव एवं झूलन महोत्सव के अंतर्गत वृहद संत विद्वत सम्मेलन का शुभारंभ संत गोस्वामी तुलसीदास महाराज व करह बिहारी सरकार रामदास महाराज की प्रतिमाओं का संतों व विद्वानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन - अर्चन एवं माल्यार्पण करके किया।
साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि प्रख्यात संत रामदास महाराज करह बिहारी सरकार प्राचीन संत परम्परा के संवाहक संत थे। उन जैसी पुण्यात्माओं का अब युग ही समाप्त हो गया है।यह दोनों ही विभूतियां भगवान श्रीराम की अनन्य भक्त थीं और इनका समूचा जीवन राममय था।संत रामकृपालु दास चित्रकूटी व पंडित अखिलेश शास्त्री ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास महाराज कलयुग पावनावतार थे।
संत सेवानंद ब्रह्मचारी व युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास महाराज द्वारा रचित ग्रंथ श्रीराम चरित मानस एक ऐसा ग्रंथ है,जिसकी समूचे विश्व में अत्यधिक मांग है।करह आश्रम के प्रबन्धक राम अवतार महाराज व पंडित अनिल कुमार तिवारी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास महाराज भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त थे। उन्होंने अपना जन्म होते ही सर्वप्रथम भगवान श्रीराम का नाम उच्चारण किया था।इसीलिए उनका प्रारम्भिक नाम "रामबोला" था।