पूर्ण शिक्षा प्राप्त कर नौकरी की तलाश में भटकता एक युवक ज्योतिषी के पास गाया और अपना भाग्य दिखाने बैठ गया। जोतिषी ने उसका हाथ देखते कहां, भाई तुम्हारे हाथ में मात्र दो ही रेखाएं है। यदि यहां कुछ और रेखा होती तो ऐसा होता और यहां गुरु , यहां सूर्य रेखाएं होती तो ऐसा होता तुम्हारा भाग्य,,,,,,,, इसके पहले कि ज्योतिषी कुछ कहे , युवक ने ज्योतिषी की डेस्क पर रखी ब्लेड उठाई और अपने हाथों में बुध और गुरु आदि रेखाएं खींच दी,ज्योतिषी आवक सा देखता रह गया। युवक रक्त बहती उन रेखाओं में आज भी अपने भाग्य को तलाश रहा है।
डॉ0 रामशंकर चंचल
झाबुआ मध्य में