अँधियारी कारी रात में जन्में प्यारे कृष्ण मुरारी,
वासुदेव देवकी के पुत्र जगत के उद्धारी।
शेषनाग की क्षत्रछाया में आँधी तूफ़ान पार किया,
वृंदावन की भूमि पर लीला अपरमपार किया।
यशोदा,नंद के द्वारे आये ,गोपियों संग रास रचाये,
मोर मुकुट,पीतांबर शोभे,कानन कुंडल करघन शोभे।
किंकणी बाजे लटों पर,स्मित अधर बंसीधर शोभे।
फोड़े मटकी माखनचोर,सबका प्यारा नन्दकिशोर।
माँ यशोदा के झूठे गुस्से पर,लाड़ जताये,हाथ जोड़े,
कनिष्ठा पर गोवर्धन उठाकर,इंद्र के मद को तोड़े।
अत्याचारी कंस का वध कर, जगत का उद्धार किया,
राधा में अन्तर्हित होकर,अमर प्रेम का संदेश दिया।
जन्मदिवस कान्हा का खुशियों का संदेशा लाया,
ग्वाल बाल संग आये कान्हा,शुभदिन का अंदेशा लाया।
आज्ञाकारी मदन मोहन,सुदर्शन कमलनयनधारी,
साँवली सूरत से मोहे सबको भोले प्यारे मुरलीधारी।
रीमा सिन्हा (लखनऊ)