श्री गोगा नवमी आज, जाने शुभ मुहूर्त और महत्व

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की नवमी वाल्मिकी समाज का मुख्य त्योहार श्री गोगा नवमी मनाई जाती है। इस साल यह तिथि आज 20 अगस्त (शनिवार) को पड़ी है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, गोगा नवमी के दिन गोगा जी को सांपों के देवता के रूप में पूजते हैं। इन्हें गोगाजी, गुग्गा वीर, जाहिर वीर और राजा मण्डलिक आदि नामों से भी जानते हैं।

कहां-कहां मनाया जाता है त्योहार-

गोगा देव को गुरु गोरखनाथ का प्रमुख शिष्य माना जाता है। राजस्थान के छह सिद्धों में गोगाजी को प्रथम मानते हैं। इस त्योहार को राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य कई राज्यों में धूमधाम से मनाते हैं।

गोवा नवमी का महत्व-

भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की नवमी गोगा देव का जन्म हुआ था। गोगा देव की पूजा 9 दिनों तक की जाती है। यानी पूजा-पाठ श्रावणी पूर्णिमा से आरंभ होकर नवमी तिथि को समाप्त होता है। आज के दिन लोग घरों में अपने ईष्ट देवता गोगा देवी की वेदी बनाते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं।

कहा जाता है कि गोगा देव का जन्म नाथ संप्रदाय के योगी गोरक्षनाथ के आशीर्वाद से हुआ था। कहते हैं कि गोगा देव की माता बाछल को योगी गोरक्षनाथ ने प्रसाद के रुप में एक गुग्गल दिया था। जिसके फलस्वरुप गोगा देव का जन्म हुआ था।

आज के शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- 04:25 ए एम से 05:09 ए एम

अभिजित मुहूर्त- 11:58 ए एम से 12:50 पी एम

विजय मुहूर्त- 02:35 पी एम से 03:27 पी एम

गोधूलि मुहूर्त- 06:43 पी एम से 07:07 पी एम

अमृत काल- 01:05 ए एम, अगस्त 21 से 02:53 ए एम, अगस्त 21

निशिता मुहूर्त- 12:03 ए एम, अगस्त 21 से 12:46 ए एम, अगस्त 21

सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:53 ए एम से 04:40 ए एम, अगस्त 21

अमृत सिद्धि योग- 05:53 ए एम से 04:40 ए एम, अगस्त 21

पूजा- विधि

1. स्नान और स्वच्छ वस्त्र पहनकर गोगा जी की गीली मिट्टी से मूर्ति बनाएं।

2. गोगा देव को वस्त्र, रोली, चावल और अक्षत अर्पित करके भोग लगाएं।

3. इस दिन गोगा जी के घोड़े की पूजा का भी विशेष महत्व है। गोगा देव के घोड़े को दाल का भोग लगाया जाता है।

4. मान्यता है कि रक्षाबंधन पर बहनें जो रक्षासूत्र अपने भाइयों की कलाई पर बांधती है। उसे खोलकर गोगा देव को अर्पित करती हैं।

5. माना जाता है कि गोगा देव की विधि-विधान से पूजा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।