99 वे जन्मोउत्सव पर महामना राम स्वरूप वर्मा लोगों ने याद किया

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

गोण्डा । रामस्वरूप वर्मा लगभग 50वर्षों तक सक्रिय राजनीति करते रहे और उन्हें राजनीति का 'कबीर' कहा जाता था।  वे उत्तर प्रदेश सरकार के 1967 में चर्चित और लोकप्रिय वित्त मंत्री थे। उस समय उन्होंने 20 करोड़ रुपए के लाभ का बजट पेश कर पूरे आर्थिक जगत को अचम्भित कर दिया। संक्षेप में उन्होंने यही कहा कि किसान से अच्छा अर्थशास्त्री कोई नहीं हो सकता है।  

उनकी राजनीति मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित थी । वे सम्पूर्ण समता के पक्षधर थे। उन्होंने 1969 में अर्जक संघ का गठन किया । जिसके माध्यम से समाज को पूर्ण रूप से ढोंग-पाखंड, अंधविश्वास को समाप्त कर सामाजिक न्याय की स्थापना करना चाहते थे। उन्हें उत्तर भारत का अम्बेडकर भी कहा गया। 

उनका नारा था-"जिसमें समता की चाह नहीं, वह बढ़िया इंसान नहीं। समता बिन समाज नहीं,बिन समाज जन राज नहीं।"वेसादगी,ईमानदारी, सिद्धांतवादी, कर्तव्यनिष्ठा के जीवंत उदाहरण थे।  उन्होंने क्रांति को  परिभाषित करते हुए कहा कि "क्रांति जीवन के पूर्व निर्धारित मूल्यों का जनहित में पुनर्निर्धारण करना ही क्रांति है ।उन्होंने समाज और राष्ट्र हितों से कभी समझौता नहीं किया। मात्र 34वर्ष की आयु में वे 1957 में सोशलिस्ट पार्टी से उ.प्र. के भोगनीपुर विधान सभा क्षेत्र से सदस्य चुने गए।

"उक्त विचार महामना राम स्वरूप वर्मा पूर्व वित्त मंत्री उ.प्र. के 99वें जन्मोत्सव पर लार्ड गौतम बुद्ध मेमोरियल पब्लिक स्कूल बड़गांव में ए.के.नंद राष्ट्रीय संगठक मास ने व्यक्त किया। नंद किशोर वर्मा-एडवोकेट और राष्ट्रीय संयोजक एमवीएफ ने कहा कि आज महामना राम स्वरूप वर्मा का व्यक्तित्व और कृतित्व और भी प्रासंगिक हो गया है जब देश संक्रमण काल से गुजर रहा है। आरके राव ने कहा ऐसे मानव ही महामानव बनकर मानवता का कल्याण करते हैं। कंचनरानीराव ने कहा कि ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी महापुरुष के जीवन से हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए। पवन कुमार ने कहा कि महापुरुष वर्मा जी का जीवन हमसबके लिए प्रेरणा का स्रोत है।

 आरएम बौद्ध ने कहा कि मान्यवर वर्मा जी का सम्पूर्ण जीवन मानव मूल्यो और मानव अधिकार के लिए समर्पित रहा। अजय सरोज ने कहा कि ऐसे महानायक लाखों में पैदा होते हैं। काले मुर्मू ने कहा कि मैं आज जान पाया कि उत्तर प्रदेश में ऐसे महानायक पैदा हुये थे। मैं नमन और वंदन करता हूँ। गुर चरन लागुरी ने कहा कि महापुरुष वर्मा जी समता मूलक समाज के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने आजीवन संघर्ष किया। 

राम करन ने कहा कि ऐसे महापुरुष की लोकप्रिय लोकतंत्रात्मक क्रांति के बाद भी वंचित समाज अज्ञानान्धकार में डूबा हुआ है। बाबू लाल राव ने कहा कि मानव मानव एक समान को महामना ने सार्थक कर दिया था। डॉक्टर विजय प्रताप मौर्य ने कहा कि महामना राम स्वरूप वर्मा जी ने समाज को बदलने का कार्य किया उन्होंने कभी बदला लेने की भावना पैदा नहीं की। सविता वर्मा ने कहा कि संत कबीर की भांति राम स्वरूप वर्मा स्पष्टवादी थे और सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के महानायक थे।