जीवन की यात्रा!

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


उम्मीद के दीए को जलाकर,

दर्द और तकलीफ को भूलाकर,

मुश्किलों को सुलझा कर,

हिम्मत को खुद में समाकर,

जीते जा तू जीते जा,

जीवन की यात्रा को पूरा कर!!


जोश से स्वयं को चला कर,

आलस्य को हटाकर,

परिश्रम से कमा कर,

अपने फर्ज को अदा कर,

आगे आगे तू बढ़ते जा,

जीवन की यात्रा को पूरा कर!!


खुद पर भरोसा सदा कर,

काबिलियत को आजमा कर,

ह्रदय में नम्रता बसाकर,

कुछ ना रह जाए अधूरा,

जीवन की यात्रा को पूरा कर!!


डॉ. माध्वी बोरसे!